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जोधपुर के फैमिली कोर्ट संख्या-2 के पीठासीन अधिकारी वरुण तलवार ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि पत्नी चाहे कमाने में सक्षम क्यों न हो। वह अपने बेटे के लिए पति की कमाई का आधा हिस्सा पाने की हकदार है। इस मामले में कोर्ट ने याचिकाकर्ता महिला और उसके बेटे के लिए MR पति से 15 हजार रुपए प्रति महीने भरण पोषण देने के आदेश दिए हैं। वहीं आदेश में यह भी कहा कि बच्चे जिम्मेदारी पति-पत्नी दोनों की है। पति ने कोर्ट में पत्नी को एमए-बीएड बताते हुए गुजारा भत्ता देने से इनकार किया था। पति MR, कोचिंग संचालक भी एडवोकेट हेमंत बावेजा ने बताया कि मिक्की चौहान ने 27 जनवरी 2014 को कोर्ट में मुकदमा दायर किया था। इसमें बताया गया कि उसकी शादी 30 नवंबर 2009 में सोजती गेट राजदादाजी हॉस्पिटल निवासी रजनीश चौहान से हुई थी। 8 अगस्त 2010 को उनका एक बेटा हुआ। रजनीश MR का काम करने के साथ ही बच्चों कोचिंग भी देता है। बावेजा ने बताया कि इसके कुछ समय बाद ही रजनीश ने कम दहेज लाने के ताने देते हुए परिवादिया को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। यहां तक कि मारपीट कर 25 अक्टूबर 2013 को परिवादिया को घर से निकाल दिया। तब से वह अपने बेटे के साथ पीहर में रहने लगी। इसके बाद उसने भरण-पोषण की मांग की। पति बोला- पत्नी खुद सक्षम बावेजा ने बताया कि पति रजनीश चौहान की ओर से कोर्ट में बताया गया कि महिला खुद एमए, बीएड तक पढ़ी है और वह अपने और बेटे का भरण पोषण करने में सक्षम है। यहां तक कि पहले पत्नी द्वारा दर्ज किए गए घरेलू हिंसा के प्रकरण में 3200 रुपए मासिक गुजारा भत्ता देने का अंतरिम आदेश भी हो चुका है। ऐसे में इस प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाए। बावेजा ने कोर्ट को बताया कि जब मिक्की गर्भवती हुई तब उसके साथ गाली-गलौज कर घर से निकाल दिया गया था। बाद में पति ने समझौता करते हुए 5 अगस्त 2013 को पत्नी को अपने घर ले गया। इस दौरान दो-तीन दिन ही उसका व्यवहार सही रहा। इसके बाद दोबारा मारपीट कर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इसके बाद फिर से घर से निकाल दिया। कोर्ट ने कहा- बच्चे की जिम्मेदारी दोनों की दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठासीन अधिकारी ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि पत्नी का एमए बीएड होने और अपना स्वयं और का भरण पोषण में सक्षम होने के बावजूद पति-पत्नी का पुत्र के लालन पालन में समान दायित्व है। इस वजह से पति की आय का आधा हिस्सा पत्नी भरण पोषण पाने की अधिकारिणी है। पति की पारिवारिक स्थिति, आय को देखते हुए पत्नी व पुत्र भरण पोषण पाने के हकदार है। हर महीने देने होंगे 15 हजार कोर्ट ने रजनीश चौहान को आदेश दिया कि 11 मार्च 2025 से मिक्की चौहान और बेटे मयंक को कुल 15 हजार रुपए हर महीने की 10 तारीख तक देना होगा। साथ ही इससे पहले के 27 जनवरी 2014 से 10 मार्च 2025 तक की अवधि के लिए 6 हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से एकमुश्त राशि का भुगतान 5 किश्तों में अदा करेगा। साथ ही प्रार्थीगण अन्य किसी प्रकरण में कोई गुजारा राशि प्राप्त कर रहे हैं या भविष्य में प्राप्त करेंगे, तो वह इस राशि में समायोजन के योग्य होगी।

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