बिहार क्रिकेट टीम में चयन कराने के नाम पर दो युवा क्रिकेट खिलाड़ियों से 15 लाख 15 हजार 800 रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। ठगी का शिकार हुए खिलाड़ियों के पक्ष में नदबई स्थित एक निजी क्रिकेट अकादमी के संचालक ने नदबई थाने में मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया- कस्बे के वार्ड नंबर 9 का रहने वाला मोनू सत्येंद्र रौतवार ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे एक दोस्त के जरिए पटना, बिहार निवासी राजवीर सिंह के बारे में जानकारी मिली। बताया गया कि राजवीर सिंह मुंबई में रहकर क्रिकेट की प्रैक्टिस करता है और उसकी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में मजबूत पकड़ है। राजवीर ने दावा किया कि वह क्रिकेट खिलाड़ियों को बिहार टीम में चयन दिला सकता है। पटना बुलाकर की ठगी मोनू के अनुसार, राजवीर सिंह ने उसे पटना बुलाया। 7 मार्च 2024 को मोनू अपने दो साथियों, सौरभ गोदारा और अभिषेक यादव, के साथ कार से पटना पहुंचा। वहां राजवीर ने उन्हें मनोज कमालिया स्टेडियम स्थित जगुआर क्रिकेट अकादमी बुलाया, जहां उसने कोच रनधीर सिंह से मुलाकात कराई और खिलाड़ियों के चयन की बात चलाई। इसके बाद, राजवीर ने बताया कि बिहार टीम में चयन के लिए खिलाड़ियों के दस्तावेज और प्रबंधन शुल्क के रूप में 21 लाख रुपए लगेंगे। इस पर मोनू ने अपने साथियों के सामने 5 लाख रुपए नकद दे दिए, और बाकी 16 लाख रुपए बाद में देने की सहमति बनी। फर्जी वादों से गुमराह करता रहा आरोपी मोनू ने अपनी शिकायत में बताया कि 14 अक्टूबर 2024 तक उसने राजवीर को विभिन्न माध्यमों से 11,15,800 रुपए और 5 लाख रुपए नगद दिए, जिससे कुल 16,15,800 रुपए आरोपी के पास पहुंच गए। इस दौरान जब भी मोनू ने टीम में चयन की स्थिति के बारे में पूछा, तो राजवीर बहाने बनाता रहा और टालमटोल करता रहा। 18 दिसंबर 2024 को जब मोनू ने कोच रनधीर सिंह को फोन कर पूरी घटना बताई, तो राजवीर ने 1 लाख रुपए मोनू के बैंक खाते में वापस भेजे और बाकी पैसे 8 जनवरी 2025 तक लौटाने का वादा किया, लेकिन जब 8 जनवरी को पैसे वापस मांगे गए, तो उसने 10 फरवरी तक का समय मांगा। 10 फरवरी के बाद भी जब 15 लाख 15 हजार 800 रुपए वापस नहीं किए गए, तो मोनू ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।