केंद्र सरकार ने बीकानेर के खाजूवाला सहित भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से जुड़े कई गांवों तक रेल लाइन बिछाने का निर्णय किया है। इसके लिए 260 किलोमीटर लंबे मार्ग का सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे के लिए साढ़े 6 करोड़ रुपए खर्च होंगे। केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि काफी लंबे समय के प्रयासों के बाद रेल मंत्रालय बीकानेर के अंतर्गत खाजूवाला से जैसलमेर तक प्रस्तावित 260 किमी लंबी नई रेलवे लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए 6.50 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। इस सर्वे से इस क्षेत्र का बहुमुखी विकास और लोगों को आवागमन के लिए सुविधाएं उपलब्ध होगी, जिससे रेलवे को राजस्व की प्राप्ति होगी और क्षेत्र के निवासियों को भी कम खर्चे में सुविधापूर्ण आवागमन होगा। मेघवाल ने बताया कि खाजूवाला-जैसलमेर रेल परियोजना से अनूपगढ़, जैसलमेर, बाडमेर और मुज जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोडने वाली नई रेलवे लाईन से सीमावर्ती क्षेत्र के निवासियों, सुरक्षा बलों एवं आमजन को सीमावर्ती क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा बढ़ेगी। सामरिक मजबूती मिलेगी, और औद्योगिक विकास व रोजगार सृजन को नई गति प्राप्त होगी। यह परियोजना न केवल क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायक होगी, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी यह एक मील का पत्थर साबित होगी। अब तक नहीं है रेल लाइन
बीकानेर में सिर्फ खाजूवाला ही ऐसा क्षेत्र है, जहां से अब तक रेल सेवा नहीं है। ये रेल लाइन बीकानेर के लालगढ़ रेलवे स्टेशन से जुड़ सकती है। जैसलमेर के लिए खाजूवाला का मार्ग भी शुरू हो सकता है। आगे ये रेल लाइन अन्य बॉर्डर एरिया को भी जोड़ सकती है।