निदेशालय बनाने की कवायद इस बीच मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार खेल निदेशालय बनाने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। खेल निदेशालय एक तरह से स्पोर्ट्स काउंसिल और खेल मंत्रालय के बीच की कड़ी होगा। स्पोर्ट्स काउंसिल अपना कार्य पहले की तरह स्वतंत्र रूप से करती रहेगी। खेल निदेशालय का जो प्रारूप होगा उसमें एक डायरेक्टर, इसके बाद जॉइंट डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, असिस्टेंट डायरेक्टर आदि की पोस्ट होंगी। इसका प्रारूप बनाकर जल्दी ही डीओपी को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। जिस तरह से अलग-अलग विभागों में निदेशालय काम कर रहे हैं उसी तरह खेल निदेशालय भी स्वतंत्र रूप से अपना कार्य करेगा। खेलों के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेने की पावर निदेशालय के पास होगी। स्पोर्ट्स काउंसिल अध्यक्ष ने कहा, ‘हमने हरियाणा सहित कई अन्य राज्यों के खेल निदेशालयों की स्टडी की है उसी के अनुकूल हम भी इसका फॉरमेट तैयार कर रहे हैं। ये किस तरह से काम करता है इसकी विस्तृत स्टडी की गई है। थोड़ा समय जरूर लगेगा लेकिन सीएम की इस घोषणा पर काम होना शुरू हो गया है।’ जयपुर| राजस्थान खेल परिषद में अब खेल अधिकारी नाम का पद विलुप्त हो जाएगा। खेल अधिकारियों को नया नाम दिया जाएगा। ये नाम होगा डिस्ट्रिक्ट यूथ एंड स्पोर्ट्स प्रमोशन अॉफीसर (DYSP officer)। मंगलवार को राजस्थान स्पोर्ट्स काउंसिल की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। मीटिंग के प्रमुख निर्णयों की जानकारी देते हुए स्पोर्ट्स काउंसिल अध्यक्ष नीरज के. पवन ने बताया, ‘वन विभाग में जो एसीएफ हैं और स्पोर्ट्स काउंसिल में आने के लिए निवेदन किया है, उन्हें ये पद दिया जाएगा। उससे नीचे के खिलाड़ियों को उनके ग्रेड पे के अनुरूप पद दिया जाएगा। स्पोर्ट्स काउंसिल के खेल अधिकारी भी अब इसी नए पदनाम से जाने जाएंगे। इस बारे में फाइनल फैसला सीएस के साथ अगली मीटिंग में विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा।