ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद मंगलवार को किशनगढ़ के सरकारी और निजी 217 स्कूलों में विद्यार्थियों की वापसी के साथ फिर से चहल-पहल और रौनक लौटेगी। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को बच्चों के स्वागत के लिए विशेष रूप से तैयार किया है। सोमवार को स्कूलों में साफ-सफाई और सजावट का कार्य किया गया। मंगलवार सुबह 7:30 बजे जब छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचेंगे, तो वातावरण किसी त्योहार जैसा उल्लासमय होगा। इधर, मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान के तहत प्रवेशोत्सव के दूसरे चरण की शुरुआत भी मंगलवार से हो रही है, जो 24 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान शिक्षक घर-घर जाकर हाउसहोल्ड सर्वे करेंगे और 3 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का डिजिटल नामांकन सुनिश्चित करेंगे। पहले चरण में 15 अप्रैल से 16 मई तक किशनगढ़ और आसपास के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में व्यापक सर्वे किया गया था। अब दूसरे चरण में ड्रॉपआउट, अनामांकित, प्रवासी श्रमिकों के बच्चे और बालश्रम से मुक्त कराए गए बच्चों को दोबारा स्कूलों से जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। प्रवेशोत्सव के तहत आंगनबाड़ी से प्राथमिक विद्यालय में जाने वाले बच्चों को विशेष रूप से चिह्नित किया गया है ताकि वे स्कूली शिक्षा की मुख्यधारा में आसानी से शामिल हो सकें। हाउसहोल्ड सर्वे के दौरान शिक्षक न केवल बच्चों की शैक्षणिक स्थिति का आकलन करेंगे, बल्कि अभिभावकों को सरकारी स्कूलों की उपलब्धियों, बोर्ड परीक्षा परिणामों, छात्रों की सफलता की कहानियों और स्कूल भवन की सुविधाओं की जानकारी भी देंगे। इससे सरकारी स्कूलों के प्रति समाज में सकारात्मक संदेश जाएगा और नामांकन दर बढ़ेगी। प्रवेशोत्सव के तहत प्रत्येक शनिवार को संबंधित पीईईओ को अपने क्षेत्र के विद्यालयों से ड्रॉपआउट और नव-प्रवेशित विद्यार्थियों की रिपोर्ट संकलित कर उच्चाधिकारियों को भेजनी होगी। स्कूल बदलने या छोड़ने की प्रक्रिया तभी मान्य मानी जाएगी जब यह रिपोर्ट प्रेषित की गई हो।