21barmercity pg5 0 f6335f75 da1e 4951 9fbf 4e242c6be487 large

सतर्क रहें… मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में वैल्युएशन बहुत ज्यादा { अभी निवेशक मार्केट वैल्युएशन पर कॉल ले सकते हैं। वैल्युएशन मापने के 3 पैमाने हैं। पीई रेश्यो, मार्केट कैप टू जीडीपी, प्राइस टू बुक वैल्यू। { निफ्टी इस समय अपनी आय से 22 गुना ट्रेंड कर रहा है। लॉन्ग टर्म एवरेज 18 है। मार्केट कैप टू जीडीपी रेश्यो 139 पर है जबकि इसका 10 साल का औसत 85 है। प्राइस टू बुक वैल्यू 3.9 है जो कि लॉन्ग टर्म एवरेज 3.5 से ज्यादा है। {देश की बढ़ती इकोनॉमी की संभावनाओं को देखते हुए 22 पीई रेश्यो ज्यादा नहीं है। लेकिन मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में वैल्युएशन बहुत ज्यादा है। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 पीई मल्टीपल क्रमशः 42 और 30 पर हैं। घरेलू निवेशक बुल मार्केट की ड्राइविंग फोर्स बने हुए हैं, ये ट्रेंड थमने वाला नहीं है… शेयर मार्केट में घरेलू संस्थागत निवेशकों के अलावा रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ रही है। अब एफपीआई निवेशकों की बिकवाली का असर बाजार पर नहीं पड़ रहा है। डीमैट खाते चार साल में 4 करोड़ से 16 करोड़ हो गए हैं। इस दौरान, म्यूचुअल फंडों द्वारा मैनेज की जाने वाली संपत्ति 30 लाख करोड़ से 60 लाख करोड़ हो गई है। } करेक्शन के जोखिम के बीच निवेश की रणनीति क्या हो? ओवरवैल्यूड शेयरों से प्रॉफिट बुक कर लॉर्जकैप में लगाना बेहतर रणनीति {यह बुल यानी तेजी का मार्केट है इसलिए निवेशित बने रहें। डिफेंस, रेलवे जैसे सेगमेंट ज्यादा वैल्युएशन वाले हैं और करेक्शन के जोखिम में हैं। {लार्ज कैप जोखिम कम हैं। आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, टीसीएस, आरआईएल, आईटीसी और एलएंडटी जैसे शेयर उचित वैल्यू में हैं और तुलनात्मक रूप से सुरक्षित कहे जा सकते हैं। {फाइनेंशियल सेक्टर उचित वैल्युएशन वाला है। प्रमुख सरकारी बैंकों के शेयर आकर्षक वैल्यू में हैं। {लो-ग्रेड स्मॉलकैप शेयरों से बचें जो अनुमान के आधार पर घटते-बढ़ते हैं। ओवरवैल्युड शेयरों में आंशिक प्रॉफिट बुक करना और आय को लार्जकैप शेयरों में लगाना बेहतर रणनीति हो सकती है। इकोनॉमी का लगातार दमदार प्रदर्शन और कॉरपोरेट की अच्छी कमाई ने इस बुल मार्केट को सहारा दिया है। ऐसे में अनुभवी निवेशकों और बाजार विशेषज्ञों के बीच मार्केट के ऊंचे वैल्युएशन प्रमुख चिंताओं में से एक है। इस बात पर लगभग आम सहमति है कि मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में वैल्युएशन अत्यधिक है और इसे उचित ठहराना कठिन है। ऐसे में निकट भविष्य में बाजार के रुख की भविष्यवाणी करना बेहद कठिन है। माना जा रहा है कि अब बाजार में एक बड़ा करेक्शन होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसलिए करेक्शन को ध्यान में रखकर रणनीति बनाना अच्छा आइडिया नहीं है। डॉ. वीके विजयकुमार चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, जियोजीत फाइ. सर्विसेज

By

Leave a Reply

You missed