गुरुग्राम में सड़क किनारे कनौपी लगाकर सिम बेचने की आड़ में लोगों की बायोमैट्रिक डिटेल से सिम निकालने के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। साइबर थाना ईस्ट पुलिस ने टेक्नोलॉजी और सिस्टम का प्रयोग करते हुए शकील (उम्र 22 वर्ष) और मोहिन (उम्र 19 वर्ष) निवासी सांवलेर, जिला भरतपुर (राजस्थान) को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ये अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर ऐसी जगह ढूंढ़ते थे। जहां लेबर क्लास के लोग काम करते है और वहां पर कैनोपी लगाकर फ्री में सिमकार्ड देने का लालच या लालच देते है। प्री एक्टिवेटेड सिम दे देते थे इसके पास जब कोई व्यक्ति सिमकार्ड लेने आता तो ये उसकी बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन करके सिमकार्ड एक्टिवेट कर देते थे और उस व्यक्ति को वह एक्टिव सिमकार्ड न देकर अन्य सिमकार्ड दे देते थे, और एक्टिवेट सिमकार्ड अपने पास रख लेते थे। इसके द्वारा एक्टिव किए गए सिमकार्ड को इसका अन्य साथी साइबर ठगी करने वाले लोगों को बेच देता था। उन्होंने बताया कि वे भरतपुर के रहने वाले हैं और इनके द्वारा करीब 15 सिम कार्ड प्रति सिम 2000 रुपए में भरतपुर में ही साइबर अपराधियों को बेचा जाता था। पुलिस टीम द्वारा आरोपियों के कब्जा से दो मोबाइल, 84 सिमकार्ड (inactivated) और 1 बायोमेट्रिक मशीन बरामद की गई है। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि ये आरोपी राह चलते लोगों की बायोमैट्रिक डिटेल का मिस यूज करते थे और सिम निकलवा कर साइबर ठगों को बेचने का काम करते थे।
गुरुग्राम में इंटरस्टेट सिम एक्टिवेट रैकेट का भंडाफोड़:लोगों की ID पर साइबर ठगों को बेचते थे; राजस्थान के रहने वाले
