गुर्जर सहित एमबीसी में शामिल वर्गों की मांगों पर विचार कर समाधान सुझाने के लिए सरकार ने तीन मंत्रियों की कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है। इस कैबिनेट सब कमेटी में कानून मंत्री जोगाराम पटेल, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म को शामिल किया गया है। गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म खुद गुर्जर समाज से हैं और पहले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अगुआई में हुए गुर्जर आंदोलनों में सक्रिय रह चुके हैं। उन्हें गृह राज्य मंत्री के तौर पर कमेटी में शामिल किया गया है। 8 जून को बनी थी मांगों पर सहमति, अब कमेटी समाधान सुझाएगी
एमबीसी आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करवाने सहित कई मांगों को लेकर 8 जून को भरतपुर के बयाना इलाके के कारवारी शहीद स्मारक (पीलूपुरा) में महापंचायत हुई थी। महापंचायत में सरकार की ओर से मांग पत्र लिया गया था। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने लोगों को सरकार का ड्राफ्ट पढ़कर सुनाया था और इसके बाद समाज की सहमति के बाद महापंचायत को समाप्त कर दिया। सरकार के मसौदे का एक गुट ने विरोध किया था और नाराज होकर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया था। बेढ़म ने कहा था- कुछ लोग अड़े हैं कि सरकार के खिलाफ रहेंगे
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने 8 जून को कहा था कि कुछ लोग इस बात पर अड़े हुए हैं कि हम सरकार के खिलाफ ही रहेंगे और बोलेंगे। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। जब सरकार बिना किसी महापंचायत और आंदोलन के टेबल पर बात करने के लिए तैयार है तो महापंचायत क्यों? 8 जून को इन मांगों पर बनी थी सहमति
गुर्जर महापंचायत के दौरान 8 जून को सरकार ने गुर्जरों की प्रमुख मांगों को मानते हुए मसौदा भेजा था। इस मसौदे के मुताबिक 5% आरक्षण को नवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव लेकर केंद्र को भेजने,लंबित भर्तियों पर संबंधित विभाग में सूचना देकर सात दिन के अंदर निस्तारण करने, देवनारायण योजना और अन्य कामों की हर महीने समीक्षा करने और इसमें संघर्ष समिति के नामित प्रतिनिधियों को बुलाए जाने और अनुकंपा नियुक्ति पर सहमति बनी थी। गुर्जरों की प्रमुख मांगें ……………………………..
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