धौलपुर के डकैत जितेन्द्र उर्फ जीतू चंबल को जयपुर में एके-47 दिलाने में मदद करने वाले आरोपी शिवराज सिंह को गुरुवार को एजीटीएफ ने पकड़ लिया। शिवराज सिंह कालवाड़ रोड स्थित हाथोज गांव का रहने वाला है। पूछताछ में सामने आया कि डकैत जीतू चंबल अपने भाई हिस्ट्रीशीटर रामदत्त के कहने पर कार से जयपुर आया था। यहां शिवराज को साथ लेकर कालवाड़ रोड स्थित सुशांत सिटी पहुंचा। जहां एक युवक क्रिकेट किट जैसे बैग में एके-47 देकर चला गया। दोनों ने बैग चेक करने के बाद कार में रख लिया। शिवराज से धौलपुर में पूछताछ हो रही है। जांच में सामने आया कि चंबल का हिस्ट्रीशीटर रामदत्त उर्फ सोनू चंबल पूर्व में आनंदपाल गैंग से जुड़ा था। उसने बदमाशों को प्रैक्टिस करवाने के लिए बीहड़ में खुद की एक फायरिंग रेंज बना रखी है। यहां पर गोगामेड़ी हत्याकांड का शूटर रोहित राठौड़ और राजू ठेहट हत्याकांड के शूटर प्रैक्टिस कर चुके हैं। इनके अलावा गुरुग्राम के सेक्टर-29 में ब्लास्ट करने वाले एक लाख के इनामी बदमाश विजय ने भी यहीं प्रैक्टिस की और फरारी काटी थी। हरियाणा के यमुना नगर में हुए मर्डर के आरोपियों ने भी यहीं ट्रेनिंग ली थी। रामदत्त सभी तरह के हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग देता था। पास में बनी बगीची में हरियाणा, दिल्ली व यूपी के बड़े गैंगस्टरों को फरारी कटवाता था। यहां गांव वालों का आना मना था। बता दें दो दिन पहले एजीटीएफ ने धौलपुर के राजाखेड़ा स्थित हिस्ट्रीशीटर रामदत्त ठाकुर उर्फ सोनू चंबल के घर में दबिश देकर एके-47 के साथ उसके भाई जीतू चंबल व पिता तेजपाल ठाकुर को गिरफ्तार किया था। जीतू ने पूछताछ में बताया कि भाई के कहने पर करीब साढ़े तीन माह पहले ये एके-47 जयपुर से ली थी। पूछताछ के आधार पर ही शिवराज को पकड़ा है। रामदत्त को कुछ दिन पहले हरियाणा पुलिस ने पकड़ा था, जिसे जल्द ही प्रॉडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ की जाएगी। इस कार्रवाई के बाद जयपुर, सीकर, चूरू, नागौर के कई बदमाश पुलिस के राडार पर आ गए हैं। भास्कर सबसे आगे; गोगामेड़ी हत्या के समय ही बताया था शहर में एके-47, पंजाब पुलिस ने भी की थी पुष्टि गोगामेड़ी हत्याकांड के दौरान कोटा के तस्कर महेंद्र के जगतपुरा स्थित फ्लैट में एके-47 होने के पुख्ता इनपुट (तस्वीर) मिले थे, लेकिन पुलिस के पहुंचने पहले ही महेन्द्र ने दूसरी जगह शिफ्ट कर खुद फरार हो गया। पुलिस ने उसकी प्रेमिका पूजा को पकड़ा था। पुलिस अब यह तस्दीक करने में जुटी है कि यह एके-47 वही है या दूसरी। तब भास्कर ने सबसे पहले बताया था कि शहर में बदमाशों के पास एके-47 है। इसकी पुष्टि पंजाब पुलिस के पत्र ने भी की थी। लॉरेंस गैंग के एक गर्गे ने भी बताया था कि एके-47 से ही वारदात को अंजाम देना था। बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई।