राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण (रेट) ने पंचायती राज विभाग के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें विभाग ने साल 1997 में नियुक्त हुए ग्राम सेवकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकते हुए रिकवरी करने के आदेश जारी किए थे। विभाग ने करीब दो साल पहले आदेश निकालते हुए 2 जनवरी 1997 से 30 जून 1997 के बीच नियुक्त हुए ग्राम सेवकों को छठे वेतन आयोग के तहत 6 महीने का रिलैक्सेशन देते हुए वार्षिक वेतन वृद्धि दी थी। लेकिन विभाग ने अपने ही पुराने आदेश को विड्रो करते हुए इस वार्षिक वेतन वृद्धि को वापस लेने के आदेश जारी कर दिए थे। वहीं, वार्षिक वेतन वृद्धि के तहत दी गई राशि की रिकवरी भी निकाल दी थी। इसे ग्राम सेवकों ने रेट में चुनौती दी थी। सुनवाई का मौका नहीं दिया गया रेट में पंचायती राज विभाग के आदेश के खिलाफ अपील करते हुए ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि उन्हें छठे वेतन आयोग के तहत एक वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ विभाग द्वारा ही दिया गया था। यह वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जुलाई 2006 से स्वीकृत की गई थी। लेकिन 11 जून 2024 के आदेश से विभाग ने अपने ही 31 मार्च 2022 के आदेश को विड्रो करते हुए स्वीकृत वार्षिक वेतन वृद्धि को वापस लेने के आदेश जारी कर दिए। इसमें कर्मचारियों को सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया गया। वहीं, इस तरह से विभाग द्वारा भूतलक्षी प्रभाव से आदेश को लागू नहीं किया जा सकता हैं। यह आदेश अनुचित व विधि विरुद्ध हैं। इस पर रेट ने अपीलार्थी की सीमा तक आदेश को स्थगित करने के आदेश दिए।