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जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (टीएडी) के आवासीय विद्यालयों, छात्रावासों, मां-बाड़ी और डे केयर केंद्रों में घटिया खाद्य सामग्री की सप्लाई और दरों में हेरफेर मामले में लोकायुक्त ने अब सख्त रुख अपनाया है।इस मामले में चार बार रिपोर्ट मांगने के बावजूद अनसुनी की गई। अब लोकायुक्त ने टीएडी सचिव आशुतोष एटी पेंडणेकर को व्यक्तिगत रूप से जयपुर स्थित लोकायुक्त सचिवालय में उपस्थित होने को कहा है। लोकायुक्त न्यायमूर्ति प्रताप कृष्ण लोहरा ने इस संबंध में समन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि मामले की तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट दस्तावेजों के साथ लोकायुक्त सचिवालय में भेजें। मामले में लोकायुक्त की ओर से सचिव को तलब किए जाने से विभाग में खलबली मच गई है। टीएडी सचिव के व्यक्तिश: उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट के जरिये वारंट जारी कर भी उन्हें तलब कराया जा सकता है। टीएडी के संस्थानों में घटिया सामग्रियों की आपूर्ति किए जाने के मामले का भास्कर ने 28 अप्रैल को खुलासा किया था। सीएमओ और राजभवन भी मांग रहा तथ्यात्मक रिपोर्ट टीएडी के इसी मामले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कार्यालय की ओर से भी जांच रिपोर्ट मांगी हुई है। राजभवन से राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने भी इस घोटाले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांग रखी है। बता दें कि टीएडी के सचिव आशुतोष एटी पेंडणेकर से पहले भानु प्रकाश एटरू इस पद पर कार्यरत थे। तभी से विभाग का यह मामला चला आ रहा है। एक ही वस्तु कहीं 300 रुपए में तो कहीं वही 170 रुपए किलो में खरीदी भास्कर ने अलग-अलग जिलों में एक ही वस्तु की दरों में भारी अंतर का भी खुलासा किया था। एमआरपी और अनुमोदित दरों से ज्यादा पर खरीदारी की गई। डूंगरपुर में एक ही कंपनी की 1 किग्रा चायपत्ती 300 रुपए में खरीदी गई। इसे बारां में 170 रु., उदयपुर व प्रतापगढ़ में 294 रुपए तक में खरीदा गया। ऐसे ही धनिया पाउडर डूंगरपुर में 210 रुपए में एक किलो खरीदा गया, जबकि बारां में 144 रु., उदयपुर में 160, प्रतापगढ़ में 255 रुपए किलो में खरीदा। ऐसे ही जीरे, नमक, टूथपेस्ट आदि की खरीद में भी अंतर रहा। 11 जिलों के 3069 केंद्रों पर भेजी गई घटिया सामग्री 8 माह से मांगी जा रही रिपोर्ट : लोकायुक्त ने इस मामले में पिछले साल 18 नवंबर, इस साल 2 जनवरी, 22 फरवरी और 24 अप्रैल को तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन टीएडी अधिकारियों ने नहीं भेजी। इसके बाद 30 मई को कड़ा रुख अपनाते हुए टीएडी सचिव को समन जारी किया। बता दें कि इस पूरे घोटाले का खुलासा तब हुआ जब चिकित्सा विभाग ने सामग्री की जांच कराई। भास्कर ने 28 अप्रैल को खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया था कि टीएडी विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत कर आवासीय विद्यालयों, छात्रावासों, मां बाड़ी और डे केयर केंद्रों में घटिया खाद्य सामग्री की आपूर्ति की गई। ये सामग्री उदयपुर, डूंगरपुर, सिरोही, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा सहित प्रदेश के 11 जिलों में 3069 मां-बाड़ी व डे केयर केंद्रों पर भेजी गई। इन केंद्रों के 37,260 बच्चों को खाद्य सामग्री खिला देने के बाद इसका खुलासा हुआ। उदयपुर में सभी 603 केंद्रों पर सोयाबीन तेल और चावल, डूंगरपुर में सभी 536 केंद्रों पर उड़द-मसूर दाल, आटा, धनिया-मिर्च-हल्दी पाउडर, पोहा-राई, सिरोही में सभी 76 केंद्रों पर दाल घटिया और मिलावटी पाई गई। मां बाड़ी-डे केयर केंद्रों के अलावा विद्यालयों और छात्रावासों में भेजी गई मिलावटी सामग्री को भी शामिल करें तो एक लाख बच्चों को ये खिला दी गई।

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