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भारत में एक घरेलू वेजिटेरियन थाली की कीमत मई में (सालाना आधार पर) 5.76% घटकर 26.20 रुपए हो गई है। पिछले साल मई-2024 में वेज थाली की कीमत 27.80 रुपए थी। कैपिटल मार्केट कंपनी क्रिसिल ने अपने फूड प्लेट कॉस्ट के मंथली इंडिकेटर में इस बात की जानकारी दी। क्रिसिल ने अपनी राइस रोटी रेट (RRR) रिपोर्ट में बताया कि वेजिटेरियन थाली की कीमत अप्रैल की तुलना में मई में -0.38% घटी है। अप्रैल में वेज थाली की कीमत 26.30 रुपए थी। नॉन-वेज थाली भी 6% सस्ती हुई
वहीं, नॉन-वेज थाली की कीमत मई में सालाना आधार पर 6% घटकर 52.6 रुपए हो गई है। पिछले साल मई-2024 में नॉन वेज थाली की कीमत 55.9 रुपए थी। मंथली बेसिस पर यानी अप्रैल की तुलना में मई में नॉन-वेज थाली की कीमत 2.41% घटी है। अप्रैल में नॉन-वेज थाली की कीमत 53.9 रुपए थी। आलू, प्याज और टमाटर सस्ते होने से वेज थाली के दाम घटे क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, आलू, प्याज और टमाटर के दाम घटने के चलते वेज थाली की कॉस्ट में कमी हुई है। टमाटर की कीमत सालाना आधार पर 33 रुपए प्रति किलोग्राम से 29% घटकर 23 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई है। प्याज के दाम में 15% और आलू के भाव में 16% की गिरावट आई है। इस कारण वेज थाली की कीमत में गिरावट हुई है। वेज थाली की कॉस्ट में आलू और टमाटर की 24% हिस्सेदारी होती है। चिकन के प्राइस गिरने से नॉन वेज थाली की कीमत घटी​ नॉन वेज थाली की कीमत में ये कमी ब्रॉयलर्स यानी चिकन के प्राइस में सालाना आधार पर 6% की गिरावट के चलते आई है। दाम में कमी महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट के बीच ज्यादा सप्लाई और कम मांग के कारण हुई है। नॉन-वेज थाली की लागत में ब्रॉयलर की 50% हिस्सेदारी होती है। वहीं, आयात शुल्क में बढ़ोतरी के कारण सालाना आधार पर वेजिटेबल ऑयल की कीमत 19% और पेट्रोलियम गैस सिलेंडर की कीमत में 6% बढ़ी है, नहीं तो दोनों थाली और भी सस्ती हो सकती थी। क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पूषन शर्मा ने कहा कि, आगे मौसमी बदलावों के कारण सब्जियों की कीमतें बढ़ सकती हैं और मजबूत घरेलू उत्पादन के बीच गेहूं और दालों की कीमतों में थोड़ी कमी की उम्मीद है। इस बीच चावल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे कैलकुलेट होती है थाली की एवरेज कॉस्ट

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