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कर्नाटक का बेंगलुरू शहर। 18 अगस्त 2019, रविवार का दिन। सुबह 7 बजे का वक्त। शहर के राजाजी नगर क्षेत्र में वाटल नागराज रोड स्थित पांचवें ब्लॉक स्थित एक घर से अचानक आग की लपटें उठ रही थीं। पड़ोसियों ने खिड़की से लपटें उठते देखी तो आग बुझाने को दौड़े। फायर ब्रिगेड और पुलिस को भी आग लगने की सूचना दी। जलते घर से वहां रहने वाली 15 साल की बच्ची के चिल्लाने और रोने की आवाजें आ रही थीं। घर के बाथरूम में आग लगी हुई थी। फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत से आग बुझाई। आग बुझी तो हर कोई हैरान रह गया। बाथरूम का व्यक्ति का शव पड़ा था। शव देखते ही 15 साल की मासूम जोर-जोर से रोने लगी। शव उसके पिता का था। बेटी बोली- शॉर्ट सर्किट से लगी आग ये घर मूल रूप से राजस्थान के जयपुर के विराटनगर के रहने वाले बड़े कपड़ा व्यापारी रमेश जैन(बदला हुआ नाम) का था। वो यहां पत्नी, 15 साल की बेटी और बेटे के साथ रहते थे। राजस्थानी बिजनेसमैन के घर में आग और उनकी मौत की सूचना तेजी से फैली। कुछ ही देर में बिजनेसमैन के घर के बाहर पड़ोसियों की भीड़ जमा हो गई। आग बुझाने के दौरान राजाजीपुरम थाने की पुलिस भी पहुंच गई थी। मौका ए वारदात पर पुलिस ने पूछताछ शुरू की। मामला शहर के प्रतिष्ठित बिजनेसमैन का था, ऐसे में पुलिस के उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया था। तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त वी. धनंजय कुमार व डीसीपी एन. शशिकुमार भी घटनास्थल पर पहुंच गए। फोरेंसिक टीम भी आ गई। मौके से आवश्यक एविडेंस जुटाने व जरूरी कार्रवाई के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए विक्टोरिया हॉस्पिटल भेज दिया। पत्नी और बेटा पुडुचेरी गए थे घटना के समय रमेश जैन के घर पर कुणाल नाम का एक और युवक मौजूद था। कुणाल ने बताया कि आग लगने पर उसने भी आग बुझाने का प्रयास किया। आग बुझाने के दौरान उन दोनों के हाथ-पैर भी झुलस गए थे। कुणाल कोमल का दोस्त था। रमेश जैन की मौत से एक दिन पहले 17 अगस्त, 2019 शनिवार को उनकी पत्नी और बेटा पुडुचेरी में होने वाले एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने गए थे। रमेश जैन ने खुद शाम 7 बजे उन्हें कार से रेलवे स्टेशन छोड़ा था। इस दौरान उनकी बेटी कोमल घर पर थी। पत्नी और बेटे को रेलवे स्टेशन छोड़ने के बाद रमेश जैन घर आ गए। बाप-बेटी ने साथ डिनर किया। रात को बेटी ने उन्हें दूध का गिलास दिया। अधिकारियों ने दिए डीप इंवेस्टिगेशन के आदेश दूध पीने के बाद रमेश जैन कमरे में जा कर सो गए थे। अगले दिन यानी 18 अगस्त को सुबह लगभग 7 बजे पड़ोसियों ने रमेश जैन के मकान के बाथरूम की खिड़की से आग की लपटें और धुआं निकलता देखा। उन्होंने फायर ब्रिगेड के साथ-साथ पुलिस को भी सूचना दी। इस बीच कोमल ने भी शोर मचाया। फायर ब्रिगेड ने बाथरूम की आग बुझाई तो वहां रमेश जैन का शव मिला। कोमल के बयानों और पुलिस पड़ताल में जो सामने आया, उससे तो यहीं लग रहा था कि शार्ट सर्किट के चलते आग लगी और इसी आग में झुलसने से रमेश जैन की मौत हो गई। इस बीच बेंगलुरु पुलिस के बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। उन्हें रमेश की मौत डाउटफुल लग रही थी। पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला दर्ज किया। अधिकारियों ने इसकी डीप इन्वेस्टिगेशन के आदेश दे दिए। तत्कालीन डीसीपी एन. शशिकुमार ने इस घटना का शीघ्र खुलासा करने के लिए तुरंत अलग-अलग टीमें गठित कर आवश्यक निर्देश दिए। पुलिस को कई सवालों के जवाब ढूंढने बाकी थे … कल पढ़िए पार्ट-2

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