पहलगाम में सैलानियों पर हमले के बाद देश के कई हिस्सों से कश्मीरी स्टूडेंट्स के खिलाफ नारेबाजी और मारपीट की खबरें आ रही हैं। चंडीगढ़, देहरादून और नोएडा में पढ़ रहे कश्मीरी स्टूडेंट्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं। उन्होंने अपनी चोट दिखाते हुए बताया कि कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद उन्हें बदसुलूकी का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर JK स्टूडेंट्स एसोसिएशन के नेशनल कन्वेनर नासिर खुएहामी ने कहा, ‘देहरादून के कई कश्मीरी स्टूडेंट्स डर के मारे हमें लगातार फोन कर रहे हैं। हिंदु रक्षा दल ने कश्मीर के मुसलमान स्टूडेंट्स को चेतावनी देते हुए आज सुबह 10 बजे एक वीडियो जारी किया है। इसमें स्टूडेंट्स को देहरादून से निकल जाने के लिए कहा गया है।’ कश्मीरी स्टूडेंट्स के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी इसे लेकर खुएहामी ने कहा कि चंड़ीगढ़ के यूनिवर्सल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के हॉस्टलों में कश्मीरी स्टूडेंट्स पर रात में हमला किया गया। कश्मीरी स्टूडेंट्स ने बताया कि कुछ लोकल्स और कैंपस के दूसरे स्टूडेंट्स रात में जबर्दस्ती हॉस्टल में घुस आए और धारदार हथियारों से उनपर वार किया। कश्मीरी स्टूडेंट्स के कपड़े फाड़ दिए गए और 1 छात्र को गंभीर चोटें भी आईं हैं। खुएहामी ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद कश्मीरी स्टूडेंट्स पर हुआ ये 7वां हमला है। नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी में भी कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट की गई। इस तरह के स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए JK स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने कुछ हेल्पलाइन नंबर्स भी जारी किए हैं। देहरादून छोड़ रहे कश्मीरी छात्र हिंदू रक्षा दल ने वीडियो जारी कर कश्मीरी स्टूडेंट्स को धमकी दी है कि जल्द से जल्द देहरादून खाली कर दें। इसके बाद BFIT कॉलेज सुदुवाला के कई स्टूडेंट्स जॉली ग्रांट एयरपोर्ट जाने के लिए निकल गए। हिमाचल प्रदेश की अर्नी यूनिवर्सिटी के में पढ़ने वाले कश्मीर के स्टूडेंट्स के साथ भी मारपीट की गई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रहने वाले कश्मीरी स्टूडेंट्स का भी कहना है कि मकान मालिक उनसे घर खाली करवा रहे हैं और लगातार बढ़ते प्रेशर के चलते कुछ स्टूडेंट्स वापस कश्मीर लौट गए हैं। उमर अब्दुल्ला ने राज्यों के CM से बात की कश्मीरी छात्रों पर लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जिन राज्यों में कश्मीरी छात्रों पर हमले हुए हैं वहां के मुख्यमंत्रियों से बात की जा रही है। इसी के साथ उनसे ध्यान रखने के लिए भी कहा गया है। ऐसी ही और खबरें पढ़ें… माता-पिता ने बोझ समझ रेलवे स्टेशन पर छोड़ा: 25 साल बाद बनीं अफसर; ब्लाइंड बेटी एमपी की रेवेन्यू ऑफिसर बनी ‘हौंसले भी किसी हकीम से कम नहीं होते, हर तकलीफ में ताकत की दवा देते हैं’ जावेद अख्तर साहब की ये पंक्तियां महाराष्ट्र की माला पापलकर के जीवन और उनके बुलंद हौंसले पर फिट बैठती हैं। पूरी खबर पढ़ें…