कोटा बैराज के गेट खोलने के बाद चंबल नदी में जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। प्रशासन की ओर से चंबल से सटे गांवों पर पूरी निगरानी बनाई हुई है। फिलहाल प्रशासन ने ग्रामीणों से चंबल नदी के किनारों से दूर रहने की अपील की है। खंडार क्षेत्र के चंबल नदी से सटे सेवती खुर्द, धर्मपुरी, बंजारी, क्यारदा, पाली आदि गांवों को प्रशासन में चौकन्ना रहने के लिए निर्देशित किया है। वहीं पालीघाट चंबल बोट सफारी रणथम्भौर में भी वन विभाग चौकन्ना नजर आया। यहां चंबल में जल स्तर बढ़ने पर वन विभाग ने सभी बोटो को नदी से बाहर निकलवा दिया है। इसी के साथ ही वन विभाग की ओर पाली घाट पर लगाई गई जेटी (प्लास्टिक का अस्थाई प्लेटफार्म) को भी बाहर निकाल लिया है। जिसके बाद पालीघाट पर सफारी नहीं हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि चंबल पालीघाट पर बोट सफारी 30 जून कराई जाती है। जिसके बाद यह 1 अक्टूबर से शुरू होती है, लेकिन इस बार मानसून जल्दी आने कोटा बैराज के गेट खोलने के कारण यह निर्णय लिया है। यहां बड़ी संख्या में पर्यटक घड़ियाल और मगरमच्छ के दीदार करने पहुंचते हैं। अब यहां वन विभाग की ओर से बोट नदी से बाहर निकालने के बाद पाली घाट पर सफारी पूरी तरह बंद हो गई। ऐसे में यहां सफारी बारिश का सीजन खत्म होने के अक्टूबर माह में शुरू होगी। 11 मीटर तक पहुंचने के बाद 3 मीटर घटा जलस्तर
जानकारी के अनुसार कोटा बैराज के गेट खोलने और आस पास के इलाकों में हुई बारिश से चंबल नदी का जल स्तर बढ़ा था। यहां सोमवार शाम तक जल स्तर 11 मीटर तक जा पहुंचा था। हालांकि रात तक पाली घाट पर जलस्तर तीन मीटर तक नीचे चला गया। जिससे लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन फिलहाल प्रशासन अलर्ट है।
