चांदीपुरा वायरस को लेकर गुजरात से सटे उदयपुर जिले के गांवों में आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों के जरिए इस वायरस के लक्षण को लेकर निगरानी की जाएगी। इसके लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी करने की तैयारी की जा रही है। इधर, आज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने उदयपुर के जिला कलेक्टर से मिलकर पूरी स्थिति से अवगत कराया। उदयपुर कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल से आज CMHO डा. शंकर बामनिया ने मुलाकात कर उदयपुर के खेरवाड़ा और नयागांव क्षेत्र में चांदीपुरा वायरस के दो बच्चों में लक्षण मिलने के बाद की पूरी रिपोर्ट से अवगत कराया। बामनिया ने कलेक्टर को बताया कि वहां पर एक जगह तो 35 और दूसरी जगह 40 जनों का सर्वे करवा दिया और उस क्षेत्र में चिकित्सा विभाग की टीमें और वरिष्ठ डॉक्टर लगा दिए है जो लगातार निगरानी कर रहे है। कलेक्टर से कहा कि जिले में अभी इस वायरस को लेकर कोई संदिग्ध नहीं मिला है। उन्होंने कलेक्टर से कहा कि गुजरात से सटे जिले के कोटड़ा, झाड़ोल, खेरवाड़ा, नयागांगव आदि ब्लॉक में स्थित आंगनवाड़ी और स्कूलों के जरिए भी हमे चांदीपुरा वायरस के लक्षण पर निगरानी रखनी होगी। इन केंद्रों या स्कूल में से चांदीपुरा वायरस के लक्षण किसी भी बच्चे में मिलने की सूचना मिलती है तो चिकित्सा विभाग तत्काल उसका उपचार शुरू कराते हुए उसे रेफर करवा देगा। सीएमएचओ डा. बामनिया ने बताया कि कोटड़ा, झाड़ोल, खेरवाडा और नयागांव क्षेत्र में सभी को चेता दिया है और इन इलाकों को हाई अलर्ट मोड पर रखा है क्योंकि ये इलाके गुजरात से सटे है। वहां रहने वाले लोगों का गुजरात आना-जाना रहता है। उल्लेखनीय है कि उदयपुर जिले के दो बच्चों में इस वायरस के लक्षण मिले थे। दोनों का इलाज गुजरात में चल रहा था। तीन साल के एक बच्चे की 27 जून को मौत हो गई, जबकि दूसरे का इलाज जारी है और वह खतरे से बाहर है।