प्रदेश में पैथोलॉजी लैब के मिनिमम स्टैंडर्ड बनने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट (रजिस्ट्रेशन एवं रेग्यूलेशन) के तहत अब पैथ लैब के लिए पांच साल का स्थायी रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इससे न केवल प्रशिक्षित स्टाफ बल्कि क्वालिटी युक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर बीमारी को पकड़कर इलाज करना आसान होगा। लैब संचालक रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करा सकते हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आदेश के अनुसार हर जिले के सीएमएचओ और क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत संयोजक को पांच तारीख तक पंजीकरण कराने वाले पैथ लैब की सूचना निदेशालय को भेजनी होगी। नियमों की पालना नहीं करने पर 10 हजार से पांच लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। बिना पंजीकरण पैथ लैब संचालित मिलने पर संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। फायर के लिए भी एनओसी लेनी पड़ेगी। शिकायत पर कलेक्टर, CMHO कन्वीनर कर सकेंगे कार्यवाही (एक्सपर्ट पैनल : डॉ. नरोत्तम शर्मा, अतिरिक्त निदेशक, चिकित्सा प्रशासन) हर माह निदेशालय सूचना भेजनी होगी
“पैथ लैब के मिनिमम स्टैंडर्ड बनने के बाद क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पांच साल के लिए स्थायी रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। इसके लिए हर सीएमएचओ से हर माह की पांच तारीख तक होने वाले पैथ लैब की सूचना निदेशालय को भेजनी होगी।”
-डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, निदेशक (जन स्वास्थ्य)
