चित्तौड़गढ़ जिले में इस साल “हरियालो राजस्थान योजना” के तहत वन विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर पौधे तैयार किए गए हैं। जिले की 21 नर्सरियों में कुल 23 लाख 28 हजार पौधे तैयार किए गए हैं। इस बार बिन मौसम बरसात से भी इन पौधों को फायदा हुआ है, जिससे मई महीने में ही चित्तौड़गढ़ में हरियाली दिखने लगी थी। इसी को देखते हुए वन विभाग ने इस बार 5 जून से ही पौधों के वितरण का काम शुरू कर दिया है, लेकिन पौधारोपण का असली समय जुलाई माना जाता है। क्योंकि जुलाई में ही अधिकतर सरकारी विभागों को पौधे लगाने का लक्ष्य दिया जाता है। खासकर शिक्षा विभाग को इस बार वन विभाग के बाद सबसे बड़ा टारगेट मिला है, जिसके तहत उन्हें करीब 3.5 लाख पौधे लगाने हैं। जिले में 21 नर्सरियों में तैयार किए गए पौधे
DFO (वन संरक्षक) राहुल झांझरिया ने बताया कि जिले की 18 स्थायी और 3 अस्थाई नर्सरियों में अलग-अलग प्रकार के पौधे तैयार किए गए हैं। इनमें छायादार, फलदार, औषधीय और कांटेदार पौधों की कई वैरायटी तैयार की गई है। वन विभाग को इस साल कुल 16 लाख 35 हजार 2 पौधों का वितरण करना है, जो आमजन और सरकारी संस्थानों को सशुल्क या रियायती दरों पर दिए जाएंगे। सरकारी विभागों को मिलेगी 50 प्रतिशत की रियायत
राजकीय विभाग, केंद्र सरकार के उपक्रम और संस्थागत भूमि पर पौधे लगाने के इच्छुक विभागों को ये पौधे 50 प्रतिशत की रियायती दर पर दिए जाएंगे। जबकि आम नागरिकों को पौधों की ऊंचाई और प्रजाति के अनुसार पूरी कीमत चुकानी होगी। पौधों के रेट इस प्रकार रहेंगे: पौधारोपण की जिओ टैगिंग अनिवार्य
जहां-जहां पौधे लगाए जाएंगे, वहां पौधारोपण की जिओ टैगिंग की जाएगी। इससे यह पता चलेगा कि पौधा कहां लगाया गया और उसकी निगरानी आसान होगी। वन विभाग करेगा 4 लाख 33 हजार पौधारोपण
हरियालों राजस्थान योजना के तहत इस साल चित्तौड़गढ़ जिले में विभिन्न स्तरों पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण की योजना बनाई गई है। वन विभाग की 1934 हेक्टेयर भूमि पर 4 लाख 33 हजार पौधे लगाए जाएंगे, जबकि वन्य जीव विभाग की 700 हेक्टेयर भूमि पर 1 लाख 40 हजार पौधों का रोपण किया जाएगा। इसके अलावा महात्मा गांधी नरेगा कार्यों के तहत 1 लाख 20 हजार पौधे निःशुल्क वितरित किए जाएंगे। वहीं, शिक्षा विभाग को 3.5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है, जो विभिन्न स्कूल परिसरों और शिक्षा संस्थानों में रोपे जाएंगे। पौधे खरीदने की ऑनलाइन सुविधा : FMDSS पोर्टल से करें चयन और भुगतान
कोई भी नागरिक या संस्था वन विभाग के एफएमडीएसएस (FMDSS) पोर्टल पर जाकर अपने जिले की नर्सरी का चयन कर सकता है। वहां उपलब्ध पौधों की प्रजाति देख सकते हैं और क्यूआर कोड या नकद राशि से भुगतान कर पौधे खरीद सकते हैं। “एक जिला एक प्रजाति” योजना के तहत विशेष तैयारी
इस बार “एक जिला एक प्रजाति” योजना के तहत सीताफल के 1 लाख 63 हजार पौधे तैयार किए गए हैं। वहीं, पंच गौरव योजना के तहत बिलपत्र के पौधों की बड़ी खेप तैयार की गई है। कौन-कौन से पौधे मिलेंगे? नोट : वन विभाग ने इस बार प्रयोग के तौर पर कुछ नई प्रजातियों के पौधे भी तैयार किए हैं। जैसे पारसोली में धोक और दूधितलाई में बिजासाल के पौधे। चित्तौड़गढ़ की नर्सरियों में लाखों पौधे वितरण को तैयार
चित्तौड़गढ़ जिले की 21 नर्सरियों में इस साल पौधों का वितरण करने के लिए कुल 23 लाख 28 हजार पौधे तैयार किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 2,10,000 पौधे हथनी ओदी नर्सरी में तैयार किए गए हैं। इसके अलावा पारसोली में 1,45,000, चित्तौड़गढ़ मुख्य नर्सरी में 1,30,002, पीपलखेड़ा में 1,20,000 और बोराव में 1,10,000 पौधे तैयार किए गए हैं। लाड़पुरा और कपासन नर्सरियों में 1,05,000-1,05,000 पौधे तैयार किए गए हैं। दूधी तलाई और सेमलपुरा में क्रमशः 1,00,000 और 95,000 पौधे उपलब्ध हैं, जबकि मंगलवाड़ और नेचर पार्क हथनी ओदी में 95,000 और 45,000 पौधे तैयार हैं। आगरा में 70,000, सांवरिया जी में 85,000, एकलिंगपुरा में 60,000, विजयपुर में 50,000 और बेगूं में 30,000 पौधे तैयार किए गए हैं। इसी तरह, गोपालपुरा में 30,000, निंबाहेड़ा में 20,000, रावतभाटा में 20,000 और गंगरार में 10,000 पौधे तैयार किए गए हैं। इन सभी नर्सरियों से आमजन और विभागीय उपयोग के लिए पौधों का वितरण किया जाएगा। पौधारोपण अभियान में आमजन की भागीदारी जरूरी DFO राहुल झांझरिया ने कहा कि हरियाली को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ सरकारी विभाग नहीं, बल्कि आम लोगों की भागीदारी भी जरूरी है। इसलिए आमजन से अपील की गई है कि वे भी पौधे खरीदें और अपने घर, खेत, खेत की मेड या सार्वजनिक स्थानों पर उन्हें लगाएं। पेड़-पौधे वातावरण बचाते हैं, बारिश और जीवन बढ़ाते हैं हरियाली हमारे लिए बहुत फायदेमंद होती है। पेड़-पौधे गर्मी में ठंडक देते हैं और आसपास का तापमान कम करते हैं। ये हवा को साफ करते हैं और धूल-धुएं को कम करने में मदद करते हैं। पेड़ होने से बारिश भी अच्छी होती है और जलस्रोतों में पानी भरता है। पेड़ मिट्टी को बहने से रोकते हैं और जमीन को उपजाऊ बनाए रखते हैं। इसके अलावा, पेड़-पौधे पक्षियों और जानवरों को रहने और खाने की जगह भी देते हैं, जिससे प्रकृति संतुलित बनी रहती है। चित्तौड़गढ़ जिले में इस बार “हरियालों राजस्थान योजना” के तहत बड़े पैमाने पर पौधारोपण की तैयारी की गई है। पौधे तैयार हो चुके हैं और अब जुलाई में उनकी खरीद व रोपण की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। सरकार और वन विभाग की इस पहल में आमजन की भागीदारी जरूरी है, ताकि चित्तौड़गढ़ को और ज्यादा हरा-भरा बनाया जा सके।
