चित्तौड़गढ़ में शनिवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम की सुंदर मूर्तियों को सजे-धजे रथ में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया गया। जैसे ही रथ चला, माहौल भक्तिमय हो गया। युवा-युवतियों की टोलियां जयकारे लगाते हुए नाचने लगीं। रथ खींचने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह की होड़ देखी गई। यह रथ यात्रा मीरानगर स्थित इस्कॉन मंदिर से शुरू हुई। मंदिर में पहले ‘पहंडी उत्सव’ मनाया गया, जिसमें भगवान को झूलते हुए गर्भगृह से बाहर लाया गया। फिर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद भगवान को रथ में विराजमान किया गया। रथ को फूलों और पत्तियों से सजाया गया था, और उसे खींचने के लिए 50 मीटर लंबी रस्सियों का उपयोग किया गया। रथ यात्रा की शुरुआत में इस्कॉन मंदिर का ध्वज लेकर युवा सबसे आगे चल रहे थे। ठाकुरजी के आगे श्रद्धालु झाड़ू लगाते हुए चल रहे थे, जो परंपरा का हिस्सा है। इस दौरान शास्त्रीय नृत्य, जगन्नाथ अष्टकम और स्वस्ति वाचन भी हुआ। यात्रा का माहौल बेहद भव्य और आनंदमय रहा। जयपुर से आई विशेष कीर्तन मंडली ने सुंदर भजनों से माहौल को भक्तिभाव से भर दिया। मशक बैंड ने भी आकर्षण बढ़ाया। यात्रा के दौरान अलग-अलग समाजों और संगठनों ने विभिन्न स्थानों पर रथ का स्वागत किया और भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। भक्त ठाकुरजी के लिए नाचते-गाते साथ चल रहे थे। लगातार चौथे साल इस्कॉन चित्तौड़गढ़ मंदिर द्वारा यह यात्रा निकाली जा रही है, और हर साल इसमें श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। रथ यात्रा मीरानगर से शुरू होकर शास्त्री नगर चौराहा, कलेक्ट्रेट सर्किल, भारत पेट्रोल पंप, चामटीखेड़ा चौराहा, सिटी पेट्रोल पंप, अप्सरा टॉकीज होते हुए ऋतुराज वाटिका पहुंचकर पूर्ण हुई। वहां सभी भक्तों के लिए प्रसाद की विशेष व्यवस्था की गई थी। इस अवसर पर इस्कॉन मंदिर समिति के सदस्य, शहर के सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। रथ यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ को 56 भोग अर्पित किए गए। मंदिर प्रभारी मधुर मुरली प्रभु ने बताया कि ठाकुरजी का आकर्षक श्रृंगार भी किया गया। पूरे रास्ते में सेवादार व्यवस्था बनाए रखने में जुटे रहे और भक्त पूरे प्रेम और भक्ति के साथ रथ को हाथों से खींचते रहे। इस रथ यात्रा ने चित्तौड़गढ़ को एक दिन के लिए कृष्णभक्ति के रंग में रंग दिया।