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राज्य के शिक्षा, पंचायतीराज और संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर 18 अप्रैल को चित्तौड़गढ़ के इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी ऑडिटोरियम में आमजन की समस्याएं सुनने के लिए ‘खुली जनसुनवाई’ करेंगे।
इस जनसुनवाई को उन्होंने ‘खुली पंचायत’ का नाम दिया है, जहां आम नागरिक अपनी शिकायतें और सुझाव खुले मंच पर सीधे मंत्री के सामने रख सकेंगे। 15-16 अप्रैल को होंगे रजिस्ट्रेशन
मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक ने जानकारी दी कि इस जनसुनवाई में भाग लेने के लिए लोगों को 15 और 16 अप्रैल को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जनसुनवाई 18 अप्रैल को सुबह 11 बजे शुरू होगी। इसमें शिक्षा, पंचायतीराज और संस्कृत शिक्षा विभाग से संबंधित मामलों की सुनवाई की जाएगी। रजिस्ट्रेशन के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपने संबंधित ब्लॉक के बीडीओ (खंड विकास अधिकारी) या सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के ऑफिस में और शिक्षा से जुड़े लोग जिला शिक्षा अधिकारी के यहां आवेदन जमा करवा सकते हैं। जनता रख सकेगी खुलकर अपनी बात
मंत्री दिलावर ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि यह एक पारदर्शी मंच होगा, जहां कोई भी व्यक्ति ईमानदारी के साथ अपनी बात रख सकता है। मंच पर कैमरे लगे रहेंगे और सारी कार्रवाई रिकॉर्ड की जाएगी। अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती है और वह सही पाई जाती है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “अगर किसी को लगता है कि हमारा विभाग अच्छा काम कर रहा है, तो उसकी सराहना करें। अगर कोई अधिकारी गलत काम कर रहा है या भ्रष्टाचार में लिप्त है, तो उसकी भी चर्चा करें।” झूठी शिकायत पर होगी सख्त कार्रवाई
मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति झूठी शिकायत करता है और जांच में मामला झूठा पाया जाता है, तो शिकायतकर्ता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “भगवान की शपथ लेकर अपनी बात कहिए। यदि झूठी शिकायत दी गई तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।” बिना रजिस्ट्रेशन वालों को भी मिल सकता है मौका
उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी कारण से कोई व्यक्ति रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाया है, तो उन्हें भी सुनने की कोशिश की जाएगी, लेकिन यह उन्हीं लोगों के बाद होगा जिनका पंजीकरण पहले से हो चुका है। यदि समय बचा और व्यवस्था बनी, तो बिना पंजीकरण वाले लोगों को भी अपनी बात रखने का अवसर दिया जाएगा। नवाचार की दिशा में प्रयास
मंत्री दिलावर की यह पहल प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक नया कदम मानी जा रही है। ‘खुली पंचायत’ के माध्यम से आम नागरिकों को सरकारी व्यवस्थाओं में सीधे भागीदारी का मौका मिलेगा, जिससे शासन और जनता के बीच संवाद मजबूत होगा। जनसुनवाई में भाग लेने वालों से अपेक्षा की गई है कि वे तथ्यों के साथ और पूरी सच्चाई के साथ अपनी बात रखें, ताकि जनहित से जुड़ी समस्याओं का समाधान हो सके और भ्रष्टाचार जैसी सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लगाया जा सके।

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