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बीते दिनों कुछ न्यूज वेबसाइट्स पर दावा किया गया था कि चीन ने 20 अप्रैल 2025 को हुबेई प्रांत के सुनान काउंटी में दुनिया का पहला 10G ब्रॉडबैंड नेटवर्क लॉन्च किया है। हालांकि, ये दावा सही नहीं है। 10G ब्रॉडबैंड साउथ कोरिया, जापान और रोमानिया जैसे देशों में पहले से मौजूद है। chinaminutes.com के मुताबिक चीन 10G ब्रॉडबैंड के लिए पूरे देश में पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। इसी के तहत हुबेई प्रांत के शियोंगान में 10G की शुरुआत की गई है। यानी, हुबेई प्रांत के सुनान काउंटी में 10G ब्रॉडबैंड नेटवर्क लॉन्च करने की बात भी गलत है। जनवरी 2025 में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा हुई थी चीन की इंडस्ट्री एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने जनवरी 2025 में 10 गीगाबिट ऑप्टिकल नेटवर्क्स के पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की थी। चीन में पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुने गए 168 क्षेत्रों में शियोंगान भी शामिल था। यह चीन में एकमात्र 10G ऑप्टिकल ब्रॉडबैंड प्रोजेक्ट भी नहीं है। चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई और दक्षिणी प्रांत ग्वांगडोंग सहित कई प्रांत में भी 10G ब्रॉडबैंड शुरू किया जा रहा है। चीन का पहला 10G सितंबर 2023 में लॉन्च हुआ था 15 सितंबर 2023 के मोबाइल वर्ल्ड लाइव ने भी एक आर्टिकल पब्लिश किया था, जिसमें बताया गया था कि ZTE कॉर्पोरेशन और चाइना टेलीकॉम की गुआंग्डोंग ब्रांच ने 50G PON टेक्नोलॉजी के साथ चीन का पहला 10G-टू-द-एंटरप्राइज एप्लिकेशन सक्सेसफुली लॉन्च किया है। यूके, यूएस, यूएई, कतर जैसे देशों में पहले से चल रही 10G सर्विस चीन के बाहर, 10G ऑप्टिकल ब्रॉडबैंड प्रोजेक्ट पहले से ही कई वर्षों से कई देशों में लॉन्च हो चुका है। इनमें यूके, यूएस, यूएई, कतर, दक्षिण कोरिया और जापान शामिल हैं। इनका उपयोग अक्सर बिजनेस के लिए किया जाता है, लेकिन ये कम्युनिटीज के लिए भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, शियोंगान में 10G ऑप्टिकल ब्रॉडबैंड इम्प्लीमेंट करने के लिए जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, उसका टेस्ट 2022 में पहली बार स्विटज़रलैंड में किया गया था। 10G ब्रॉडबैंड नेटवर्क का 5G जैसे वायरलेस नेटवर्क से कोई संबंध नहीं यहां 10G ब्रॉडबैंड नेटवर्क में “G” का मतलब गीगाबिट है, न कि जनरेशन। यानी, ऐसा वायर्ड ब्रॉडबैंड नेटवर्क जो 10 गीगाबिट प्रति सेकंड (Gbps) तक की स्पीड देता है। इसका 5G या 6G जैसे वायरलेस मोबाइल नेटवर्क से कोई संबंध नहीं है। यह एडवांस्ड फाइबर-ऑप्टिक टेक्नोलॉजी 50G पैसिव ऑप्टिकल नेटवर्क (50G-PON) का इस्तेमाल करता है। 20 सेकेंड में डाउनलोड होगी 20GB साइज की 4K मूवी इसमें 3 मिलिसेकेंड लेटेंसी के साथ 9,834 Mbps की डाउनलोड और 1,008 Mbps की अपलोड स्पीड मिलती है। इस स्पीड को ऐसे समझें कि लगभग 20 GB साइज की 4K मूवी को डाउनलोड करने में आम तौर पर 1 Gbps कनेक्शन पर लगभग 7-10 मिनट लगते हैं। नए 10G ब्रॉडबैंड नेटवर्क के साथ, 20 सेकेंड से भी कम लगेंगे। रिमोट सर्जरी और AI-ड्रिवन स्मार्ट होम्स में काम आएगा 10G नेटवर्क 10G नेटवर्क को डेटा-इंटेंसिव, लो-लेटेंसी एप्लीकेशन्स को सपोर्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह सीमलेस क्लाउड गेमिंग, रिमोट सर्जरी और AI-ड्रिवन स्मार्ट होम्स में काम आएगा। इसके अलावा स्मार्ट सिटी, टेलीमेडिसिन, रिमोट एजुकेशन और स्मार्ट एग्रीकल्चर को भी सपोर्ट करेगा। उदाहरण के लिए, यह ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम के लिए रियल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग को संभाल सकता है। ये चीन के प्लान्स का हिस्सा है। चीन की ब्रॉडबैंड स्पीड भारत की तुलना में 100 गुना ज्यादा भारत का ब्रॉडबैंड इंफ्रास्ट्रक्चर मुख्य रूप से फाइबर-ऑप्टिक (FTTH), DSL, केबल और 5G फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) जैसी वायरलेस तकनीकों पर निर्भर करता है। सबसे तेज़ रियल-वर्ल्ड एक्साइटेल जैसे प्रोवाइडर्स देते हैं। इसमें दिल्ली में औसत डाउनलोड स्पीड 77.2 Mbps और अपलोड स्पीड 54.7 Mbps है। कुछ प्रोवाइडर्स, जैसे कि जियोफाइबर और एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर 1 Gbps तक के प्लान का विज्ञापन करते हैं, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर सीमाओं के कारण रियल-वर्ल्ड स्पीड अक्सर कम होती है। मार्च 2025 में भारत की औसत फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड डाउनलोड के लिए 58.62 Mbps और अपलोड के लिए 50.42 Mbps थी। दुनिया में ये 87वें स्थान पर थी। चीन का 10G नेटवर्क भारत की रियल वर्ल्ड ब्रॉडबैंड स्पीड (9,834 Mbps vs. 77.2 Mbps) की तुलना में 100 गुना ज्यादा है।

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