वागड़ शक्तिपीठ त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा पर मंदिर व्यवस्थापक मंडल पंचाल समाज चौदह चौखरा के तत्वावधान में श्रेष्ठ मूहर्त में घट स्थापना की गई। पंडित निकुंजमोहन पंड्या के आचार्यत्व में विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। ट्रस्ट पदाधिकारी व समाजजनों ने मां त्रिपुरा सुंदरी की पूजा-अर्चना की। इससे पहले सुबह 7 बजे मंगला आरती में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। इसके बाद माताजी के दर्शन के लिए कतार लग गई। रविवार को पुजारी गणेश शर्मा व सहयोगी ने माताजी का श्रृंगार किया। प्रतिपदा पर आने वाले श्रद्धालुओं का तिलक लगाकर व मिश्री खिलाकर अभिनंदन किया। इधर, भारतीय नवसंवत्सर पर नववर्ष स्वागत समारोह समिति के तत्वावधान में कुशलबाग मैदान से शोभायात्रा निकाली गई, जो डेढ़ किलोमीटर लंबी थी। शोभायात्रा में साधु संतों समेत सर्व समाजजनों की मौजूदगी रही। इस बार नव संवत्सर पर मां त्रिपुरा सुंदरी की मूर्ति को 60 किलो वजनी चांदी की पालकी में विराजित शहर में भ्रमण कराया। माताजी की शोभायात्रा में हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए। डेढ़ किमी लंबी शोभायात्रा का शहर में जगह जगह पुष्पवर्षा से स्वागत किया। माताजी की चांदी और काले पत्थर से बनी मूर्तियों के दर्शन करने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। शोभा यात्रा में एक जैसे परिधान पहले युवक-युवतियां, पुरुष-महिलाओं की मौजूदगी से एक रूपता नजर आई। वहीं सर्व समाजजनों की मौजूदगी ने सामाजिक समरसता और एकता का सामूहिक संदेश दिया। शोभायात्रा सूचना केंद्र, पुराना बस स्टैंड, गांधी मूर्ति, पीपली चौक, आजाद चौक, नई आबादी, जवाहर पुल, गुरुद्वारा होते हुई वापस कुशलबाग मैदान पहुंची।