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चैत्र नवरात्रि की रविवार को शुरुआत हो चुकी है। शक्तिपीठों में घटस्थापना भी हो चुकी है। चित्तौड़गढ़ में दुर्ग स्थित कालिका माता मंदिर में पहले दिन दूर-दूर से भक्त पैदल दर्शन के लिए पहुंचे। मंदिर के बाहर आधी रात से ही भक्तों की लाइन लगना शुरू हो चुकी थी। सुरक्षा के लिए मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस जाप्ता लगाया गया। मंदिर के कर्मचारी भी सुरक्षा का ध्यान रख रहे है। इसके अलावा मंदिर में होने वाले हर गतिविधियों पर सीसीटीवी कैमरे के जरिए नजर रखी जा रही है। रात के 10 बजे तक होंगे कालिका माता के दर्शन घट स्थापना के बाद से ही सभी शक्तिपीठों पर भक्तों का तांता लग गया। अलसुबह ही लोग कालिका माता मंदिर पहुंचे। कई भक्त दूर-दूर से पैदल यात्रा कर माता के दरबार तक पहुंचे। मंगला आरती की शुरुआत मां के जयकारों के साथ हुई। भीड़ ज्यादा होगी तो पीछे का रास्ता खोल देंगे महंत राम नारायण पूरी ने बताया- मंदिर की व्यवस्थाओं के लिए वन वे की सुविधा की है। ज्यादा भीड़ होगी तो पीछे का रास्ता खोल दिया जाएगा। ट्रस्ट की ओर से पानी और छाया की व्यवस्था भी की गई है। मंगला आरती के समय सुबह 4 बजे 10 मिनट के लिए मंदिर के पट खोले गए। उसके बाद मंदिर में दर्शन बंद कर दिया था। सुबह 5.30 बजे श्रृंगार आरती के लिए मंदिर के पट खोले गए थे। सुबह 6:30 श्रृंगार आरती की गई। इसके बाद सुबह 10 बजे बाल भोग लगाया जाएगा। अब शाम को 6:30 संध्या आरती की जाएगी। रात 9 बजे माता जी को भोग लगाया जाएगा और रात के 10 मंदिर के पट दर्शन के लिए बंद कर दिया जाएंगे। सुबह 5:30 से रात के 10 तक कभी भी श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर आ सकते हैं। माता के गहनों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बल तैनात उन्होंने बताया- मंदिर की विशेष साज सज्जा की गई है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंदिर के कर्मचारियों और पुलिस की ड्यूटी लगी है। माताजी के गहनों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बल तैनात है। इसके अलावा 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे के जरिए हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। वहीं, बड़ी गाड़ियों को बैरिकेड्स लगाकर मंदिर से पहले ही रोक दिया गया, ताकि व्यवस्था सही रहे। शक्तिपीठों पर शुरू हुई आराधना कालिका माता मंदिर के अलावा पांडोली स्थित झांतला माता मंदिर में एक दिन पहले शनिवार को अमावस्या पर घटस्थापना हो चुकी है। यहां लकवा के मरीजों का 2 दिन पहले से ही आना शुरू हो चुका था। मरीज यहां 9 दिन रहकर मां की आराधना करेंगे। झांतला माता के अलावा आवरी माता, आसवरा माता, जोगणियां माता, सगरा माता, लाल बाई फूल बाई माता, मरमी माता मंदिरों में घटस्थापना के साथ-साथ नौ दिनों तक देवी की आराधना शुरू हो चुकी है।

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