रविंद्र मंच के मिनी ऑडिटोरियम में ‘नाटकवाला अभिनयशाला’ की 30 दिवसीय ग्रीष्मकालीन बाल रंगमंच कार्यशाला का समापन ‘जंगल जनक्शन’ नामक बाल नाटक की रंगारंग मंचीय प्रस्तुति के साथ हुआ। यह प्रस्तुति केवल एक नाटक नहीं, बल्कि बच्चों की रचनात्मकता, आत्मविश्वास और सामाजिक चेतना का जीवंत उदाहरण बनी। नाटक का निर्देशन अनुभवी बाल रंगमंच प्रशिक्षक ओम प्रकाश सैनी ने किया। बच्चों ने जंगल की प्रसिद्ध कहानियों – शेर और चूहा, कछुआ और खरगोश, लालची कुत्ता, चिड़िया-कबूतर-कव्वा, और मोबाइल के दुरुपयोग पर बंदर-तोते की कहानियों को अभिनय, संवाद और समूह नृत्य के माध्यम से मंच पर प्रस्तुत किया। रचनात्मकता से भरी प्रस्तुति इस प्रस्तुति की खास बात यह रही कि पांच में से तीन कहानियों का चयन बच्चों ने स्वयं किया, जबकि दो नई कहानियों का निर्माण कार्यशाला के दौरान किया गया। नाटक की शुरुआत एक जंगल थीम पर आधारित गीत से हुई, जबकि समापन में सामूहिक नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रस्तुति में रोशन सैनी, मौलिक सैनी, बबलेस सैनी और आरोही टिंकर जैसे बाल कलाकारों ने अपनी अभिनय प्रतिभा से जान फूंक दी। तकनीकी सहयोग विकास सैनी (प्रकाश), विवेक माथुर (मेकअप), कौशल्या सैनी (वस्त्र सज्जा), कार्यशाला समूह (मंच सज्जा) और आरोही टिंकर (नृत्य) द्वारा दिया गया। विशेष सहयोग कुसुम लता जैन, ग्राम भारती समिति आमेर, रामचंद्र सैनी, नाटकवाला कला मंच, और मीत रंग थिएटर ग्रुप के विकास सैनी सहित कई सहायक व्यक्तियों द्वारा प्रदान किया गया।

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