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उदयपुर के ओल्ड सिटी में जगदीश मंदिर में निर्जला एकादशी पर देवस्थान विभाग की ओर से दान पात्र का काउंटर लगाने को लेकर हंगामा हो गया। असल में पुजारी परिवार के सदस्यों और भक्तों ने इस बात को लेकर विरोध जताया कि आज देवस्थान विभाग ने यह नया प्रयोग यहां क्यों किया। मंदिर में देवस्थान विभाग का स्टाफ भी लगाया गया। वे भगवान के नाम पर दान देने वालों को रसीद भी दे रहे थे। मामले की जानकारी पर कलेक्टर नमित मेहता ने देवस्थान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूरा मामला देखें और व्यवस्थाएं बनाए। निर्देश मिलने पर करीब पांच मिनट बाद मैनेजर सुमित्रा सिंह, इंस्पेक्टर सुनील मीणा ने काउंटर हटा दिया। इस बात की जानकारी पुजारी परिवार के सदस्यों और वहां के स्थानीय भक्तों को लगी तो इसका विरोध किया। देखते ही देखते आसपास से भक्त भी आ गए। उनका तर्क था कि यह नई व्यवस्था क्यों की गई है। इस बीच पुजारी परिवार ने काउंटर नहीं हटाने पर दर्शन नहीं खोलने की चेतावनी दे दी गई। मामला बढ़ने पर घंटाघर थाने से पुलिस मौके पर पहुंची। शोर के बीच एक व्यक्ति ने गुस्से में कहा- इस काउंटर को बंद कर दीजिए नहीं तो वह रसीद बुक फाड़ देगा। देवस्थान के स्टाफ के जूते पहने हुए थे, इसको लेकर भी विरोध हुआ। स्टाफ का तर्क था कि जहां जूते खोले जाते है, वहीं तक पहने थे। मंदिर के अंदर नहीं लेकर गए थे। पुजारी परिषद का कहना है- यह आत्मनिर्भर श्रेणी का मंदिर है। इसमें मंदिर खुद की आय पर भी चलता है। महाराणा जगत सिंह के समय से पुजारी यहां सेवा करते आ रहे है। आज अनाधिकृत रूप से पहली बार भेंट का काउंटर लगाया गया है। इसका सब विरोध करते है। पुजारियों ने चेतावनी दी कि इसे नहीं हटाया गया तो दर्शन बंद कर देंगे। इधर, देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी ने बताया- मंदिर में इस खास दिन विभाग ने टेंट आदि व्यवस्थाएं की। विभाग ने पहली बार सूर्य मंदिर की तरफ प्रयोग के रूप में परिक्रमा मार्ग पर काउंटर लगाया। स्थानीय विरोध के बाद हमने बंद कर दिया।

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