डॉ. जगवीर सिंह के जीवन की कहानी रोंगटे खड़े कर देने वाली है। जगवीर ऑर्थोपेडिक्स सर्जन हैं। भरतपुर में एमजे के नाम से एक हॉस्पिटल भी चला रहे हैं। 36 महीने पहले ऐसा हादसा हुआ कि वे व्हीलचेयर पर आ गए। डॉ. जगवीर जयपुर-दिल्ली-आगरा ट्राएंगल साइकिल रेस कर चुके। 600 किमी उदयपुर-सीकर आना-जाना भी 40 के बजाय 31 घंटे में ही पूरा कर चुके थे। डॉ. जगवीर 27 नवंबर 2021 को पुणे में सहादरी क्लासिक साइकिल रेस में हिस्सा लेने गए थे। वे अप-हिल पूरी कर चुके थे। डाउन-हिल 10 किमी जाना था। इसी दौरान एक मोड़ पर इनका एक्सीडेंट हुआ और साइकिल बिजली के पोल से टकरा गई। 17 जिन तक वेंटीलेटर रहे। अमेरिका जाकर भी ऑपरेशन कराया लेकिन हमेशा-हमेशा के लिए व्हीलचेयर पर आ गए। 60 साल है उम्र, पहली बार इंटरनेशनल में जीते मेडल
डॉ. जगवीर की उम्र 60 साल है। पहली बार बेंगलुरु में इंटरनेशनल व्हीलचेयर इवेंट में हिस्सा लेते हुए 1 गोल्ड, 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते। जब व्हीलचेयर पर नहीं थे, तब भी स्पोर्ट्स का शौक था। मैराथन और साइक्लिंग में हिस्सा लेते थे। जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज से 94 में एमएस करने वाले जगवीर बताते हैं, ‘एक्सीडेंट के बाद मैं पूरी तरह से पैरालाइज हो चुका था। कमर से नीचे का हिस्सा अब काम नहीं करता। बेटी इलाज के लिए अमेरिका ले गई, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। बेंगलुरु पैरा इंटरनेशनल एथलेटिक्स में जीते 3 मेडल अमेरिका से मंगवाई स्टैंडिंग व्हीलचेयर भी 25 साल से भरतपुर में हॉस्पिटल चला रहे जगवीर बताते हैं कि मैं उसी शिद्दत से ऑपरेशन करता हूं, जैसे पहले करता था। इसके लिए मैंने अमेरिका से स्टैंडिंग व्हीलचेयर मंगवाई है। साथ ही स्पोर्ट्स व्हीलचेयर भी अमेरिका से ही मंगवाई हैं। मैं व्हीलचेयर इवेंट के साथ स्वीमिंग और हैंड साइकिलिंग इवेंट में भी पार्टिसिपेट करता हूं।
