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जनवरी-मार्च तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 12% कम हुआ:₹7,033 करोड़ रहा, रेवेन्यू 8% बढ़कर ₹40,925 करोड़ हुआ; ₹22 प्रति शेयर डिविडेंट देगी कंपनी

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दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी IT सर्विस ब्रांड इंफोसिस को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में 7,033 करोड़ रुपए का मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर इसमें 11.75 % की कमी आई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 7,969 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ था। जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी ने 40,925 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया। सालाना आधार पर इसमें 7.92% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले यानी Q4 FY23-24 में टेक कंपनी ने 37,923 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाला पैसा रेवेन्यू होता है। 22 रुपए प्रति शेयर डिविडेंट देगी इंफोसिस नतीजों के साथ इंफोसिस ने प्रति शेयर 22 रुपए लाभांश यानी डिविडेंड देने का भी ऐलान किया है। कंपनियां अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा अपने शेयरधारकों के देती हैं, इसे डिविडेंड या लाभांश कहा जाता है। 6 महीने में 28% गिरा इंफोसिस का शेयर तिमाही नतीजों से पहले इंफोसिस का शेयर आज गुरुवार (17 अप्रैल) को 1.03% की तेजी के बाद 1,427.70 के स्तर पर बंद हुआ। पिछले एक महीने में कंपनी का शेयर 11.29% गिरा है। जबकि 6 महीने में ये 27.46% और इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 24.16% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 5.88 लाख करोड़ रुपए है। 16 जनवरी से 17 अप्रैल के बीच कंपनी की मार्केट वैल्यू करीब 2.16 लाख करोड़ रुपए कम हुई है। नारायण मूर्ति ने 1981 में की थी कंपनी की शुरुआत 1981 में स्थापित, इंफोसिस एक NYSE लिस्टेड ग्लोबल कंसलटिंग और आईटी सर्विसेज कंपनी है। 250 डॉलर (आज के हिसाब से करीब 21,000 रुपए) की पूंजी से कंपनी की शुरुआत हुई थी। 40 साल पुरानी कंपनी के 56 से अधिक देशों में करीब 1900 ग्राहक है। इसकी दुनियाभर में 13 सब्सिडियरी कंपनियां है। कंपनी के नारायण मूर्ति हैं। CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर सलील पारेख है। डी सुंदरम लीड इंडिपेंडेंट डायरेक्टर है।

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