Site icon Raj Daily News

जमीन से पानी निकालने पर पैसा वसूलेगी सरकार:बिना अनुमति ट्यूबवेल खोदने पर जेल और जुर्माना, आज पास होगा बिल

whatsapp image 2025 03 18 at 91910 pm 1742313035 E0ZcZz

प्रदेश में खेती को छोड़कर दूसरे कामों के लिए जमीन से पानी निकालने पर जल्द पैसा देना पड़ेगा। कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल काम के लिए पानी निकालने पर अब उसकी मात्रा के हिसाब से टैरिफ लगाया जाएगा। डार्क जोन वाले इलाकों में जमीन से पानी निकालने पर रोक भी रहेगी। ऐसे इलाकों से बिना अनुमति पानी निकालने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा। राजस्थान सरकार इसके लिए राजस्थान भूजल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण बिल लेकर आई है। यह बिल बुधवार को विधानसभा में बहस के बाद पारित किया जाएगा। बिल में जमीन से पानी निकालने पर पाबंदियां लगाने और भूजल दोहन को रेगुलेट करने के प्रावधान होंगे। खेती के काम के लिए कुएं-ट्यूबवेल से पानी निकाल सकेंगे
इस बिल में खेती के काम के लिए जमीन से पानी निकालने पर कोई पाबंदी नहीं होगी। किसान खेती के काम के लिए ट्यूबवेल या कुआं खोदकर पानी का उपयोग कर सकेंगे। पहले इस बिल में किसानों के लिए भी ट्यूबवेल खोदने पर पाबंदियां थी। इसका विरोध होने पर अगस्त 2024 में इस बिल को विधानसभा की प्रवर समिति (सिलेक्ट कमेटी) को सौंपा गया था। प्रवर समिति ने बिल में विवादास्पद प्रावधानों को हटाकर किसानों से पाबंदियां हटा दी। इसके बाद बिल को अब संशोधनों के साथ विधानसभा में लाया गया है। बोरिंग रिंग का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा
इस बिल के प्रावधानों के अनुसार ट्यूबवेल और कुएं खोदने वाली बोरिंग रिंग का रजिस्ट्रेशन भी करवाना होगा। इसके लिए भूजल प्रबंध प्राधिकरण के पास पावर होंगे। प्राधिकरण बनेगा, तय करेगा टैरिफ
जमीन से पानी निकालने को रेगुलेट करने और उस पर निगरानी के लिए राजस्थान भूजल (संरक्षण और प्रबंध) प्राधिकरण बनाने का प्रावधान किया है। प्राधिकरण जमीन से पानी के दोहन को रेगुलेट करने के लिए डार्क जोन में ट्यूबवेल खोदने पर पाबंदियां लगा सकेगा। खेती के काम के अलावा दूसरे कामों में भूजल के उपयोग पर उसकी मात्रा के हिसाब से पैसा लगेगा। इसका टैरिफ भी यह प्राधिकरण तय करेगा। भूजल दोहन को कंट्रोल करने के साथ भूजल के हालात को देखते हुए पाबंदियां भी लगा सकेगा। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना और सजा भी तय करेगा। भूजल संरक्षण और दोहन का बैलेंस करते हुए प्लानिंग करेगा। भूजल विभाग की प्लानिंग का भी रिव्यू करेगा। विधायक भी होंगे मेंबर
प्राधिकरण में अध्यक्ष और मेंबर होंगे। इसमें 2 विधायक भी मेंबर होंगे। पहले विधायक इसके मेंबर नहीं थे, लेकिन अब संशोधित बिल में विधायकों को शामिल किया है। … यह खबर भी पढ़ें… ट्यूबवेल खोदने की रोक वाले बिल पर सरकार का यू-टर्न:बीजेपी विधायकों ने ही सवाल उठाए, डोटासरा बोले-सौ जूते, सौ प्याज साथ क्यों खाए? प्रदेश में भू-जल प्रबंध प्राधिकरण बनाने के सरकार के प्रयासों को झटका लग गया है। भू-जल प्रबंध प्राधिकरण बिल को गुरुवार को विधानसभा में पारित करवाना था, लेकिन बिल पर बहस जैसे ही आगे बढ़ी, बीजेपी विधायकों ने इसके प्रावधानों पर सवाल उठा दिए। बहस पूरी होने से पहले ही सरकार ने यू-टर्न लेते हुए इसे विधानसभा की सिलेक्ट कमेटी को भेजने का फैसला कर लिया। (पूरी खबर पढ़ें)

Exit mobile version