हॉस्पिटलों में बढ़ती मरीजों को भीड़ को नियंत्रित और मैनेज करने के लिए सरकारी हॉस्पिटलों में क्यू सिस्टम (टोकन के जरिए नंबर सिस्टम) को शुरू किया जा रहा है। कांवटिया और गणगौरी के बाद अब जयपुरिया हॉस्पिटल में इस सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया है। इस सिस्टम को देखने आज मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट के सचिव अम्बरीश कुमार जयपुरिया हॉस्पिटल का दौरा करने पहुंचे। यहां डॉक्टर्स और मरीजों ने सिस्टम की अच्छाइयों के साथ कुछ खामियां भी बताई। इसमें सबसे प्रमुख रेफरेंस सिस्टम का रहा, जिसका ऑप्शन इस सिस्टम में नहीं है। मरीज को एक डॉक्टर को दिखाने के बाद जब दूसरे डॉक्टर के पास भेजा जाता है तो उसे परेशानी होती है। हॉस्पिटल का दौरा करने के दौरान सचिव ने यहां के सिस्टम को देखा और मरीजों, डॉक्टरों से फीडबैक लिया। यहां उन्होंने मरीजों से क्यू सिस्टम से होने वाले फायदे के बारे में पूछा। मरीजों ने बताया- पहले लाइन लगती थी। डॉक्टर के चैंबर के बाहर भीड़ रहती थी तो परेशानी होती थी। अब स्क्रीन पर मरीज का टोकन नंबर आ जाता है। मरीजों को आराम से कुर्सी पर बैठे रहना पड़ता है। बिना वजह लाइन में खड़े रहने और परेशान होने की समस्या से निजात मिली। इधर डॉक्टर्स ने भी अपने फीडबैक में इस सिस्टम को अच्छा बताया। उन्होंने कहा- पहले लाइन लगती थी और भीड़ रहती थी तो मरीजों को देखने और उनकी बात सुनने में परेशानी होती थी। रेफरेंस सिस्टम का ऑप्शन होना जरूरी कुछ डॉक्टर्स ने रेफरेंस सिस्टम को लेकर हो रही मरीजों की परेशानी को उठाया। उन्होंने कहा- माना किसी मरीज को एक साथ दो अलग-अलग बीमारी है। उसे दो अलग-अलग डिपार्टमेंट के डॉक्टर को दिखाना है। उस मरीज को दूसरे डॉक्टर को रैफर करने का क्यू मैनेजमेंट में कोई सिस्टम नहीं है। वहीं, कोई मरीज गलती से मेडिसिन डिपार्टमेंट में आ जाता है तो उस मरीज को जाना सर्जरी या ईएनटी डिपार्टमेंट में है तो वहां भेजने का भी सिस्टम नहीं है। पर्ची में भी मल्टीपल डिपार्टमेंट का मिले ऑप्शन इधर कुछ डॉक्टर्स और मरीजों ने सचिव के समक्ष पर्ची में मल्टीपल डिपार्टमेंट को दिखाने का भी ऑप्शन शुरू करने की मांग की। माना कोई मरीज शुगर, हार्ट के साथ न्यूरो संबंधित बीमारी से ग्रसित है। ऐसे मरीज को रजिस्ट्रेशन काउंटर पर तीनों डिपार्टमेंट की अलग-अलग पर्चियां बनवानी पड़ती है, जबकि पर्ची में तीन डिपार्टमेंट का अगर एक साथ ऑप्शन आ जाए तो मरीज को परेशानी कम होगी। दूसरे हॉस्पिटल में भी लागू करने की तैयारी अम्बरीश कुमार ने बताया- इस सिस्टम (क्यू मैनेजमेंट) का अच्छा रिस्पोंस आने के बाद इसे प्रदेश के दूसरे सरकारी हॉस्पिटलों में भी शुरू किया जाएगा। इसे जेके लोन, महिला चिकित्सालय, जनाना चांदपोल, सैटेलाइट बनीपार्क समेत अन्य हॉस्पिटल में लागू करके मरीजों की परेशानी को दूर किया जाएगा।