जयपुर-आगरा हाईवे पर खड़े कैंटर में पीछे से कार जा घुसी। इस हादसे में कार सवार मां, बेटा-बेटी सहित 4 लोगों की मौत हो गई। दुर्घटना शुक्रवार की देर रात करीब सवा बारह बजे दौसा के कलेक्ट्रेट चौराहे के पास RTO ऑफिस के सामने हुई। आरोप है कि RTO टीम ने चेकिंग के कारण हाईवे किनारे कैंटर को रोका था, तभी हादसा हो गया। कैंटर में फंस गई थी कार, आधे घंटे बाद निकाले गए शव
करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद हरियाणा नंबर की कार को कैंटर से अलग किया जा सका। कार सवार बुरी तरह गाड़ी में फंस गए थे। काफी मशक्कत के बाद उन्हें निकाला जा सका। घायलों को दौसा के सरकारी हॉस्पिटल भिजवाया गया, जहां सभी को मृत घोषित कर दिया गया। डिप्टी एसपी रविप्रकाश शर्मा और कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। हादसे के बाद हाईवे पर लगा जाम
हादसे के बाद हाईवे पर ट्रैफिक जाम हो गया। पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहनों को हटवाकर करीब आधे घंटे बाद यातायात सुचारू करवाया। कोतवाली थाने के हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र सिंह ने बताया- मरने वालों में प्रमिला देवी (40), उसकी बेटी साक्षी (16), बेटा दीपांशु (20) और एक अन्य महिला राजबाला जाट (60) शामिल हैं। राजबाला जाट दूर के रिश्ते में दादी लगती थीं। ये सभी रोहतक (हरियाणा) जिले के खेड़ी साध क्षेत्र के रहने वाले थे।दीपांशु के साथ दो गाड़ियां और थीं। इनमें करीब 12 लोग थे। वे मेहंदीपुर बालाजी पहुंच गए थे, जबकि दीपांशु रास्ता भटकने की वजह से पहुंच नहीं पाया था। रास्ता भटक गए थे
परिवार के लोगों ने बताया- अलवर के राजगढ़ (पिनान) से निकलकर जयपुर-आगरा हाईवे पर बने इंटरचेंज से उतर कर महुआ होते हुए मेहंदीपुर बालाजी जाना था। इस बीच दौसा से निकल रहे इंटरचेंज से मेहंदीपुर बालाजी जाने की बजाय जयपुर की तरफ चले गए। दौसा पहुंचने पर पता चला कि ये गलत रास्ते पर आ गए। ऐसे में दौसा कलेक्ट्रेट से दोबारा गाड़ी मोड़ कर बालाजी की तरफ जाने लगे, तभी आरटीओ ऑफिस के सामने खड़े कैंटर से कार टकरा गई। दीपांशु गाड़ी चला रहा था। उसके पिता राजेंद्र राव ड्राइवर थे। तीन महीने पहले उनकी मौत हो गई थी। दीपांशु प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था।
