जयपुर में कैब ड्राइवरों की हड़ताल का पांचवां दिन है। शुक्रवार को समस्त सारथी संगठन के बैनर तले पिंकसिटी प्रेस क्लब में कैब संचालकों की मीटिंग हुई। इसमें बाइक, टैक्सी और कैब चालक शामिल हुए। कैब चालकों ने ओला-उबर जैसी कंपनियों पर शोषण का आरोप लगाया। उनका कहना है कि इन कंपनियों से न तो सवारियों की सुरक्षा की गारंटी है और न ही चालकों की। चालकों ने सरकार से इस मामले में कानून बनाने की मांग की है। सरकारी विभागों में प्राइवेट नंबर की गाड़ियां चलने का भी विरोध कैब चालकों का एक और आरोप है कि सरकारी विभागों में प्राइवेट नंबर की गाड़ियां चल रही हैं। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। साथ ही उनके व्यवसाय पर भी असर पड़ रहा है। वे इंश्योरेंस और टैक्स में अधिक राशि चुकाते हैं, जबकि प्राइवेट नंबर वाली गाड़ियों का खर्च कम होता है। मुख्यमंत्री आवास का घेराव की चेतावनी क्रांतिकारी टैक्सी ड्राइवर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह रतनू ने बताया- उन्होंने परिवहन मंत्री और आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है। मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि आंदोलन और बड़ा होगा। शहर में चक्का जाम किया जाएगा। मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे और वहीं धरने पर बैठेंगे। वर्तमान में शहर में 5 हजार कार-टैक्सी नहीं चल रही हैं। इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है। बुधवार को सैकड़ों कैब ड्राइवरों ने शहीद स्मारक पर विरोध प्रदर्शन भी किया था। कैब ड्राइवर्स की प्रमुख मांग