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जयपुर में इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरियोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स (IADVL) का 53वां राष्ट्रीय सम्मेलन डर्माकॉन 2025 का आगाज हो गया है। गुरुवार शा संस्था के अध्यक्ष डॉ. राजीव शर्मा ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। जेईसीसी सीतापुरा में 6 से 9 फरवरी तक चलने वाले इस सम्मेलन में देश-विदेश के 600 से अधिक भारतीय और 21 अंतरराष्ट्रीय त्वचा रोग विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. यू.एस. अग्रवाल ने राजस्थानी परंपरा के अनुसार ‘खम्माघणी’ कहकर मेहमानों का स्वागत किया। सम्मेलन के पहले दिन चिकित्सीय त्वचा विज्ञान पर एक पूर्व-सम्मेलन और शल्य एवं सौंदर्य त्वचा विज्ञान पर दो कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिनमें 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। वैज्ञानिक समिति के अध्यक्ष डॉ. असित मित्तल ने बताया- सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का त्वचा रोगों के इलाज में उपयोग और आधुनिक इमेजिंग तकनीकों पर विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। वर्कशॉप में बोटोक्स, फिलर्स, लेजर, हिफू और पीआरपी जैसी आधुनिक तकनीकों का वीडियो डेमोंस्ट्रेशन किया जा रहा है। आयोजन सचिव डॉ. दीपक माथुर ने बताया कि गुलाबी नगरी में पहली बार हो रहे इस सम्मेलन में विशेषज्ञ त्वचा रोगों की रोकथाम और उपचार पर गहन विचार-विमर्श कर रहे हैं। निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम के तहत त्वचा रोगों के इलाज में हुई नवीनतम प्रगति पर भी चर्चा की जा रही है। कार्यक्रम के कोषाध्यक्ष विजय पालीवाल ने बताया- सम्मेलन के दूसरे दिन, 7 फरवरी, को विभिन्न त्वचा रोगों और उनके प्रबंधन पर 45 वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए जायेंगे। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी अपने विशेष विचार साझा करेंगे। मुख्य वैज्ञानिक सत्र मुहासे , बच्चों में त्वचा संबंधित रोग, दवाओं के त्वचा पर दुष्प्रभाव हेयर फॉल , त्वचा के फंगल संक्रमण , सफेद दाग, अनुवांशिक त्वचा रोग पर चर्चा की जाएगी। ॉ

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