जयपुर में करीब 17 साल पहले हुए सीरियल बम ब्लास्ट के दौरान चांदपोल के रामचंद्र मंदिर के पास मिले जिंदा बम मामले में शनिवार को फैसला आएगा। जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत में जज रमेश कुमार जोशी जिंदा बम प्लांट करने के मामले में 4 आरोपियों को फैसला सुनाएंगे। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने शनिवार को फैसले का दिन तय किया था। इससे पहले ब्लास्ट के 8 मामलों में यही अदालत करीब साढ़े 5 साल पहले आरोपियों को फांसी की सजा सुना चुकी है, लेकिन हाईकोर्ट ने सजा को रद्द करते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। इस मामले में राज्य सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट में पेंडिग है। एटीएस ने कराए थे तीन नए गवाह
चारदीवारी में 13 मई 2008 को 8 सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। करीब 11 साल बाद 20 दिसंबर 2019 को जयपुर बम ब्लास्ट की विशेष अदालत ने सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और एक अन्य नाबालिग (जिसे बाद में हाईकोर्ट ने घटना के समय नाबालिग माना) को फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं, एक आरोपी शाहबाज अहमद को बरी कर दिया था। इसके बाद एटीएस ने जिंदा बम मामले में इन सभी आरोपियों को 25 दिसंबर 2019 को जेल से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2023 को विशेष अदालत का फैसला पलटते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में जांच एजेंसियों की कमियों को भी उजागर किया था। इसके बाद एटीएस ने इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की थी। इसमें एटीएस ने तीन नए गवाह शामिल किए थे। सुनवाई के दौरान एटीएस ने पत्रकार प्रशांत टंडन, पूर्व एडीजी अरविंद कुमार और साईकिल कसने वाले दिनेश महावर सहित कुल 112 गवाहों के बयान दर्ज करवाए थे। आरोपियों ने कहा था- समान तथ्य
आरोपियों की ओर से वकील मिन्हाजुल हक ने बताया कि बचाव पक्ष की ओर से किसी भी गवाह के बयान दर्ज नहीं करवाए गए। उन्होंने कहा- इस मामले और पूर्व में ब्लास्ट के 8 मामलों के तथ्य समान है। इन्हीं समान तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट आरोपियों को बरी कर चुका है। इस मामले में भी अभियोजन पक्ष यह पता नहीं कर पाया कि मंदिर के सामने साईकिल किसने रखी थी। दो आरोपी जमानत पर, दो जेल में
जिंदा बम मामले में जिन चार आरोपियों को लेकर फैसला आएगा। उनमें से दो आरोपी सैफुर्रहमान और मोहम्मद सैफ जयपुर सेंट्रल जेल में बंद है। वहीं, मोहम्मद सरवर आजमी और आरोपी शाहबाज अहमद जमानत पर बाहर है।
