जयपुर में ट्रक की टक्कर के बाद एलपीजी टैंकर में आग फैलने और इसकी चपेट में आकर आग के गोले में तब्दील हुई उदयपुर की बस के खलासी कालू का चौथे दिन भी सुराग नहीं लगा। चार दिन की तलाश के बाद उसके परिजन भी सामने नहीं आए हैं। पुलिस के पास एक ही लावारिस शव रखा है। ऐसे में पुलिस इसे कालू का ही मान रही है। उधर, हादसे में घायल हुए उदयपुर के आठ यात्रियों में से तीन अभी अस्पताल में ही हैं। जयपुर (वेस्ट) के एसपी अमित कुमार ने बताया कि हादसे में एक मृतक को छोड़कर सभी की पहचान हो चुकी है। उदयपुर की लेकसिटी ट्रेवल्स की बस के खलासी कालूराम जाटिया का पता नहीं चला है। चित्तौड़ में उनके शंभूपुरा स्थित घर पर टीम भेजी गई। वहां उनके परिजन नहीं मिले। उनके पिता काफी समय पहले डबोक एयरपोर्ट पर चौकीदारी का काम करते थे। वहां भी टीम भेजकर परिजनों की जानकारी जुटाई गई, लेकिन पता नहीं चला। परिजनों के मिलने के बाद उनका और शव के डीएनए का मिलान कराया जाएगा। इसी के बाद ही पहचान उजागर होगी। बता दें, 19 दिसंबर की रात 9 बजे लेकसिटी ट्रेवल्स की बस में चालक शाहिद और खलासी कालू के साथ 32 यात्री जयपुर के लिए रवाना हुए थे। 20 दिसंबर को जयपुर से मात्र 11 किमी पहले अजमेर रोड पर सुबह 5:44 बजे हादसा हो गया। बस का मेन गेट कंटेनर आड़े आने से लॉक हो गया। यात्री खिड़की के शीशे तोड़कर बाहर निकले। चालक की मौके पर ही मौत हो गई। 24 यात्री सकुशल अपने घर लौट आए, जबकि 8 जयपुर में भर्ती थे। दूसरे दिन एक यात्री फैजान की मौत हो गई थी। घायल तीन यात्री जयपुर में भर्ती, अब खतरे से बाहर
हादसे में घायल निर्मला पत्नी प्रहलाद, भुवाणा निवासी लक्ष्मण पुत्र डालचंद व सराड़ा निवासी रूपा ही जयपुर स्थित हॉस्पिटल में ही भर्ती हैं। इनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बता दें कि इस हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, 31 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती है। जिनका बर्न वार्डों में उपचार किया जा रहा है।

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