जापान ने दुनिया की सबसे तेज इंटरनेट स्पीड 1.02 पेटाबाइट यानी 1.20 लाख GB प्रति सेकेंड का रिकॉर्ड बनाया है। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्पीड इतनी तेज है कि आप नेटफ्लिक्स का पूरा कंटेंट, पूरी लाइब्रेरी भर के गाने, फिल्में और गेम्स सेकेंडों में डाउनलोड कर सकते हैं। इस स्पीड से आप एक साथ लाखों वीडियो स्ट्रीम कर सकते हैं और स्टीम पर हर गेम को पल भर में डाउनलोड कर सकते हैं। जापान के रिसर्चर्स ने यह स्पीड हासिल की है। यह टेक्निक मौजूदा फाइबर ऑप्टिक केबल्स का यूज करती है और डेटा शेयरिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के सेक्टर में क्रांति ला सकती है। जापान ने यह रिकॉर्ड कैसे बनाया? जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी (NICT) के रिसर्चर्स ने जून 2025 में 1.02 पेटबाइट्स यानी 1,020,000 गीगाबाइट्स प्रति सेकंड की स्पीड से डेटा भेजकर इंटरनेट स्पीड का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। NICT ने स्टैंडर्ड फाइबर ऑप्टिक केबल्स का यूज कर यह डेटा भेजा, जिनमें चार कोर और 50 से ज्यादा अलग-अलग लाइट वेवलेंथ थीं। खास बात यह है कि यह स्पीड 51.7 किलोमीटर तक बरकरार रही, जो इसे रियल वर्ल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए यूजफुल बनाता है। 1.02 पेटबाइट प्रति सेकंड कितनी तेज है? गेमिंग: आप स्टीम (Steam) पर अवेलेबल सभी गेम्स, जैसे काउंटर-स्ट्राइक 2 से लेकर बाल्डर्स गेट 3 तक 10 सेकंड से भी कम समय में डाउनलोड कर सकते हैं। स्टीम एक ऑनलाइन गेम डाउनलोडिंग प्लेटफॉर्म है। स्ट्रीमिंग: यह स्पीड एक साथ 10 मिलियन यानी 1 करोड़ 8K अल्ट्रा-HD वीडियो स्ट्रीम कर सकती है। यानी यह टोक्यो और न्यूयॉर्क के हर व्यक्ति को फ्री में हाई-क्वालिटी मूवी स्ट्रीम ऑफर करने के बराबर हो सकता है। म्यूजिक और डेटा: आप 1,27,500 साल के म्यूजिक को एक सेकंड में डाउनलोड कर सकते हैं और विकिपीडिया का सारा डेटा 10,000 बार बैकअप कर सकते हैं। AI और क्लाउड: यह स्पीड दुनिया भर के डेटा सेंटरों को इतनी तेजी से जोड़ सकती है कि वे एक लोकल नेटवर्क की तरह काम करें। यह क्लाउड कंप्यूटिंग, जनरेटिव AI, ऑटोनॉमस व्हीकल्स और रियल-टाइम ट्रांसलेशन टूल्स के लिए यूजफुल है। क्या यह स्पीड घरों में जल्द मिलेगी? फिलहाल, यह स्पीड आम लोगों के लिए अवेलेबल नहीं है। टेराबाइट स्पीड अभी भी यूजर्स तक नहीं पहुंची है। हालांकि, यह टेक्निक 6G नेटवर्क, नेशनल ब्रॉडबैंड सिस्टम और अंडर वाटर केबल्स के लिए एक मॉडल बन सकती है। सरकारें, डेटा सेंटर और टेलीकॉम कंपनियां इस पर फोकस कर रही हैं।