जासूसी के आरोप में गिरफ्तार नौसेना भवन दिल्ली में तैनात अपर डिवीजन क्लर्क (UDC) विशाल यादव हरियाणा के रेवाड़ी का रहने वाला है। उसका पैतृक गांव पुंसिका है, लेकिन अभी उसका परिवार रेवाड़ी शहर की उत्तम नगर कॉलोनी में रहता है। विशाल के पिता सुनील यादव हरियाणा पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) के पद पर रहे हैं। पिता की 12 साल पहले रोहड़ाई गांव के पास सड़क हादसे में मौत हो गई थी। विशाल के बड़े चाचा अनिल भी ASI के पद से VRS (वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) ले चुके हैं। वहीं छोटे चाचा सुशील यादव ASI के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। विशाल के 2 बच्चे हैं। जिनमें बेटी बड़ी और बेटा छाटा है। विशाल की पत्नी सनाया फिलहाल बच्चों के साथ मायके में गई हुई है। वर्तमान में घर पर विशाल की मां अकेली रह रही है। विशाल की गिरफ्तारी का पता उन्हें 24 जून को लगा है। उसके बाद वे सदमे के कारण घर से बाहर नहीं आ पा रही हैं। अब पढ़िए कैसे पकड़ा गया विशाल यादव…. प्रिया नाम की आईडी से रडार पर आया विशाल
साल 2022 में जासूसी के आरोप में प्रिया नाम की आईडी से बातचीत करने वाले 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जब प्रिया शर्मा का अकाउंट खंगाला गया तो उसमें विशाल यादव भी फ्रेंड मिला। विशाल यादव की प्रोफाइल चेक किया गया तो वह नौसेना मुख्यालय का क्लर्क निकला। इंटेलिजेंस ने उस पर नजर रखना शुरू कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ी ट्रांजेक्शन से शक पुख्ता
विशाल यादव पर जांच एजेंसियां नजर रखे हुए थी। अचानक से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब 50 हजार रुपए का बड़ा ट्रांजेक्शन वेरिफाई हुआ तो पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। उसके फोन की फॉरेंसिंक जांच हुई तो उसमें लेन-देन और सामरिक सूचना पाकिस्तान भेजने की पुष्टि हुई है। 16 जून को हिरासत में लेने का दावा
परिवार का दावा है कि विशाल 16 जून को दिल्ली में ड्यूटी के बाद घर के लिए निकला था। विशाल के दिल्ली से निकलते ही राजस्थान इंटेलिजेंस ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। जब वह मानेसर पहुंचा ताे इंटेलिजेंस ने उसकी गाड़ी रोकी और उसे अपनी गाड़ी में बैठा लिया। विशाल यादव की गाड़ी मानेसर में एक मेडिकल स्टोर के बाहर खड़ी करवा दी। उसके बाद टीम उसे साथ ले गई। 22 जून को आया चचेरे भाई के पास कॉल
इसके बारे में परिवार को कुछ पता नहीं था। विशाल के घर न पहुंचने पर परिवार को चिंता होने लगी। अचानक 22 जून को चचेरे भाई के पास कॉल आई कि विशाल 2 दिन में आ जाएगा। कहीं बाहर घूमने गया है। उसके बाद परिवार एक्टिव हुआ और पुलिस से उसका फोन सर्विलांस पर लगवाया। लॉस्ट लोकेशन मानेसर की मिली। इसके बाद परिवार मानेसर पहुंचा तो वहां उसकी गाड़ी मिली। बोलेरो के नंबर से पहुंचे जयपुर
राजस्थान इंटेलिजेंस की जिस गाड़ी से टीम विशाल को उठाने के लिए आई थी, उसका नंबर किसी ने नोट किया था। उस नंबर का जब रजिस्ट्रेशन विशाल के परिवार ने चेक करवाया तो वो जयपुर इंटेलिजेंस SP का मिला। उसके बाद विशाल के चाचा अनिल 24 जून को जयपुर पहुंचे। जहां पर उन्होंने इंटेलिजेंस SP से बात की। पुलिस ने दिखाए सबूत
जब चाचा अनिल ने गिरफ्तारी का कारण पूछा तो उन्हें विशाल के खाते में पाकिस्तान से हुई ट्रांजेक्शन दिखाई गई। इसके अलावा पाकिस्तानी हैंडलर के साथ हुई चैट के बोर में भी दिखाया गया। फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप के अलावा दूसरी सोशल साइट्स पर विशाल ने चैटिंग की थी। पड़ोस में ही रहते हैं चाचा
चाचा अनिल ने कहा कि इंटेलिजेंस को कुछ तो मिला होगा, इसलिए ही उठाया है। जांच के बाद स्थिति क्लियर हो जाएगी। अगर विशाल सही होगा तो कोई दिक्कत नहीं है, अगर कुछ रोल होगा तो कानून अपना काम करेगा। मर्चेंट नेवी में था चचेरा भाई, 2018 में गायब
चाचा अनिल यादव के बेटे ने भी मर्चेंट नेवी जॉइन किया था। साल 2018 में वह मलेशिया से गायब हो गया था, जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। बताया जा रहा है कि उसे रेवाड़ी शहर के विकास नगर के रहने वाले विशाल नाम के युवक ने ही ट्रिप पर भेजा था।

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