जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (प्रथम) ने टेलिकॉम सेवा प्रदाता कंपनी वोडाफोन पर 40 हजार का जुर्माना लगाया हैं। आयोग ने यह आदेश घनश्याम दास पमनानी के परिवाद को निस्तारित करते हुए दिया। आयोग ने वोडाफोन को अतिरिक्त वसूली गई राशि परिवाद दायर करने की तारीख 7 जनवरी 2021 से 9 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने के भी निर्देश दिए हैं। परिवाद में कहा गया था कि परिवादी के पास वोडाफोन के तीन नम्बर थे। प्लान के अनुसार उसे प्रत्येक कनेक्शन के बिल पर कंपनी 175 रुपए डिस्काउंट दे रही थी। लेकिन तकनीकी समस्या के कारण उसने दो नम्बर वोडाफोन से एयरटेल में पोर्ट करवा लिए। पोर्ट से पहले परिवादी ने दोनों के नम्बर के बिल जमा करवा दिए। लेकिन अंतिम बिल में कंपनी ने परिवादी को 175 रुपए का डिस्काउंट यह कहते हुए नहीं दिया कि परिवादी अब वोडाफोन का कस्टमर नहीं है। जबकि परिवादी का कहना था कि वह अगस्त 2020 तक कंपनी का कस्टमर था। उसे उस दिन तक डिस्काउंट दिया जाना चाहिए। जबकि वोडाफोन की ओर से कहा गया कि परिवादी से कोई अतिरिक्त राशि वसूल नही की गई। बिल जमा कराने के बाद भी परिवादी पर 110 रुपए बकाया निकलते थे। जो परिवादी ने एक महीने देरी से जमा करवाए। लेकिन आयोग ने माना कि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण की अधिसूचना के अनुसार ग्राहक से वसूल की गई अतिरिक्त राशि उसे वापस करनी होगी। ऐसे में आयोग ने परिवाद को स्वीकार करते हुए वोडाफोन को निर्देश दिए कि वह परिवादी को 30 हजार रुपए मानसिक संताप और 10 हजार परिवाद व्यय के अदा करेगा। उल्लेखनीय है कि इस याचिका की पैरवी उपभोक्ता घनश्याम दास पमनानी ने खुद की थी।