भास्कर न्यूज | प्रतापगढ़ वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा द्वारा आयोजित प्री-डीएलएड परीक्षा 2025 रविवार को जिले में शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई। परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए जिले में कुल 9 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, इनमें तीन केंद्र सरकारी और छह केंद्र निजी शिक्षण संस्थानों में स्थापित किए गए। परीक्षा दो पारियों में की गई, इसमें कुल 6 हजार 790 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होना था। प्रशासन की ओर से की गई सख्त निगरानी व्यवस्था, समय पर मिली सूचना के चलते दोनों पारियों में अभ्यर्थी अनुशासन और संयम के साथ परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे। अभ्यर्थियों की प्रतिक्रियांओं के अनुसार, प्रश्नपत्र का स्तर मिश्रित था कुछ के लिए सरल और कुछ के लिए चुनौतीपूर्ण। विशेष बात यह रही कि थेवा कला और जाखम बांध जैसे प्रतापगढ़ जिले से संबंधित विषयों पर प्रश्न पूछे गए, इससे स्थानीय अभ्यर्थियों को प्रसन्नता हुई। यह एक सकारात्मक पहल है, जो विद्यार्थियों को अपनी स्थानीय संस्कृति और भूगोल से जोड़ने में सहायक है। परीक्षा में नकल या किसी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिए बायोमेट्रिक जांच, क्यू-आर कोड आधारित पहचान प्रणाली और सीसीटीवी कैमरों की मदद ली गई, इससे पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकी। जिले में कुल पंजीकृत 6,790 अभ्यर्थी पंजीकृत थे : जिले में कुल पंजीकृत 6,790 अभ्यर्थियों में से 6,082 ने परीक्षा में भाग लिया, जबकि 708 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। पहली पारी में 3,008 अभ्यर्थी उपस्थित रहे, जबकि 398 गैरहाजिर रहे। दूसरी पारी में 3,074 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए, वहीं 310 अनुपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि जिले में लगभग 90 प्रतिशत अभ्यर्थी स्थानीय अथवा आसपास के क्षेत्रों से थे, इससे उपस्थिति दर अपेक्षाकृत अधिक रही। परीक्षा केंद्रों पर सुबह से ही अभ्यर्थियों की हलचल देखी गई। कतारबद्ध तरीके से प्रवेश की प्रक्रिया हुई और सभी केंद्रों पर समयबद्ध रूप से परीक्षा प्रारंभ की गई। प्रशासन सतर्क रहा, कोई गड़बड़ी नहीं, परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न : जिले में परीक्षा के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना नहीं मिली। जिला स्तर पर परीक्षा की निगरानी के लिए गठित फ्लाइंग स्क्वायड ने प्रत्येक केंद्र का दौरा किया और समय-समय पर रिपोर्ट भी दी। सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से परीक्षा की रिकॉर्डिंग भी की गई। सह-समन्वयक प्रो. बनवारीलाल मीणा ने बताया कि परीक्षा के लिए इस बार तकनीकी व्यवस्था को और मजबूत किया गया। हर प्रवेश पत्र पर क्यू-आर कोड था, इससे स्कैन कर अभ्यर्थी की पहचान सुनिश्चित की गई। साथ ही, परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की गई थी। परीक्षा केंद्रों पर मौजूद महिला कर्मचारियों और पुलिस बल ने न केवल सुरक्षा सुनिश्चित की बल्कि महिला अभ्यर्थियों को आवश्यक सहायता भी उपलब्ध कराई। सभी केंद्रों पर समय से पूर्व गेट बंद कर दिए गए थे और बिना वैध पहचान पत्र के किसी को प्रवेश नहीं मिला।