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जिले के पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत प्रदेश के 23 जिलों में ब्राजील की गिर नस्ल की गोवंश को विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की गई है। इस योजना में झुंझुनूं जिले को भी शामिल किया गया है, जिससे यहां के पशुपालकों को काफी लाभ मिलेगा। राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को दोगुना करना है। ब्राजील की गिर नस्ल अपनी उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता के लिए विश्व स्तर पर जानी जाती है। इस नस्ल की गायें औसतन 20 से 25 लीटर तक दूध देती हैं, और अच्छी देखभाल पर यह आंकड़ा 40 से 45 लीटर तक भी पहुंच सकता है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस योजना के प्रथम चरण में झुंझुनूं जिले के अलावा सीकर, जयपुर, जोधपुर, पाली, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, झालावाड़, राजसमंद, प्रतापगढ़ आदि 23 जिलों का चयन किया गया है। इन जिलों में गिर नस्ल के गोवंश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य किया जाएगा। पशुपालकों को मिलेगा 100 रुपए शुल्क पर कृत्रिम गर्भाधान का टीका इस योजना के तहत पशुपालकों को गिर नस्ल के वीर्य का कृत्रिम गर्भाधान टीका मात्र 100 रुपए के शुल्क पर उपलब्ध कराया जाएगा। इससे पशुपालकों पर आर्थिक बोझ कम होगा और वे आसानी से उच्च गुणवत्ता वाली गिर नस्ल की गायें प्राप्त कर सकेंगे। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुरेश सुरा ने बताया कि गिर नस्ल की गोवंश जलवायु परिवर्तन के प्रति भी अनुकूल है और यह आसानी से स्थानीय परिस्थितियों में ढल जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस नस्ल की गायों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है, जिससे पशुपालकों को बीमारियों से होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकेगा। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से न केवल प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा बल्कि पशुपालकों की आय में भी वृद्धि होगी। झुंझुनूं जिले के पशुपालकों के लिए यह योजना एक सुनहरा अवसर साबित हो सकती है।

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