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जूली ने डोटासरा का हाथ पकड़कर गाना गाया:बोले- ‘तेरे जैसा यार कहां, कहां ऐसा याराना’; कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा-उपराष्ट्रपति RSS की भाषा बोलते हैं

सीकर में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का हाथ पकड़कर मंच पर ‘तेरे जैसा यार कहां, कहां ऐसा याराना’ गाना गया। डोटासरा ने ‘तेजल सुपर डूपर’ गाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ गमछा लहराते हुए डांस किया। डोटासरा और जूली रविवार को सीकर के धोद में आयोजित ‘संविधान बचाओ रैली’ में आए थे। रैली में गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आरएसएस की भाषा बोलते हैं। उनको अपने पद की गरिमा रखनी चाहिए और इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। वह संविधान की बहस करते-करते सुप्रीम कोर्ट तक गए और आज उसी संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं। उनको अगर राष्ट्रपति बनना है तो यह रास्ता अपनाकर भ्रम पैदा नहीं करें। गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा- उपराष्ट्रपति को किसने अधिकार दिया कि वह उस संविधान को बदलने की बात करें, जिससे हमें आरक्षण मिला, बोलने की आजादी मिली और अन्य अधिकार मिले। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कोटा में उपराष्ट्रपति के कोचिंग से अच्छा गुरुकुल बताने पर कहा- धनखड़ के पास एक संवैधानिक पद है और वह शेखावाटी से इस पद पर पहुंचे हैं, इसलिए हम उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने कभी ऐसी बात नहीं की। मीडिया ने जब पूछा कि पहले ऐसे PM जिन्होंने अमेरिका के आगे घुटने टेके
मीडिया से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- इन्हें (नरेंद्र मोदी) किताबों में पढ़ाना चाहिए। 75 साल में पहले ऐसे प्रधानमंत्री है, जिनको फ्रंट पर छपना चाहिए, जिसने अमेरिका के आगे घुटने टेक दिए। वरना हमारी सेना पीओके को हमारे देश के अंदर मिला लेती। सेना ने पूरी तैयारी कर ली थी। मैं समझता हूं इन लोगों ने सेना का मनोबल घटाने का काम किया है। जूली ने कहा- ‘नरेंद्र जी सरेंडर हो गए’ तो यह तो जरूर पढ़ाना चाहिए। जूली ने कहा कि मोदी हमारे देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है, जो सरेंडर हुए। क्योंकि, अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहे वह सरेंडर नहीं हुए, इंद्र कुमार गुजराल रहे, चंद्रशेखर रहे, एचडी देवगौड़ा रहे कोई सरेंडर नहीं हुए। नरेंद्र हुए सरेंडर तो यह इनको छापना, पढ़ाना चाहिए। सफाई कर्मचारी भर्ती पर भी साधा निशाना
जूली ने सफाई कर्मचारी भर्ती पर कहा कि पूरा 200 का सदन इस भर्ती के पक्ष में था। सभी ने सहमति दी थी कि वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जाए, लेकिन सरकार अभी तक भर्ती नहीं करा पाई है। उन्होंने कहा- मुझे नहीं लगता यह लोग भर्ती करा पाएंगे, क्योंकि इनकी मंशा नहीं है। जब तक मन साफ नहीं होगा भर्ती नहीं होगी। उपराष्ट्रपति क्या बोले थे, ये भी पढ़ें… कोटा में उपराष्ट्रपति बोले- कोचिंग सेंटर कल्चर खतरनाक:ये राष्ट्रीय शिक्षा नीति को फॉलो नहीं करते; बच्चों के विकास में रुकावट पैदा करते हैं कोटा में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- कोचिंग सेंटर कल्चर राष्ट्रीय एजुकेशन पॉलिसी के बिल्कुल खिलाफ है। यह कल्चर बहुत ज्यादा खतरनाक है। कोचिंग सेंटर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को फॉलो नहीं कर रहे। ये उच्च दबाव के क्षेत्र में है, जो बच्चों के विकास में रुकावट पैदा करते हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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