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भीलवाड़ा, झालावाड़ और जैसलमेर में आज दोपहर बाद मौसम बदला और बारिश हुई। जैसलमेर के चांधन इलाके में तेज हवा की वजह से बिजली के पोल गिर गया। इधर, राजस्थान के 31 जिलों में बारिश का अलर्ट है। इनमें सात जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, 21-22 जुलाई को राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। इसके लिए मौसम विभाग ने अजमेर, भरतपुर संभाग के जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राजस्थान में मानसून की अब तक की स्थिति देखें तो 148.9 एमएम बारिश हो चुकी है, जो सामान्य बारिश 143.8 एमएम से 4 फीसदी ज्यादा है। जिलेवार स्थिति में 33 में से 14 ऐसे जिले हैं, जहां सामान्य से बारिश कम हुई है। पिछले 24 घंटे के दौरान राजस्थान में टोंक, भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, जोधपुर, झालावाड़, धौलपुर, पाली समेत कई जिलों में अच्छी बारिश हुई। पाली जिले में आंधी-बारिश के बाद बिजली गिरने से एक 16 साल की बच्ची की मौत हो गई। धौलपुर के राजाखेड़ा में 55 एमएम बरसात दर्ज हुई। सवाई माधोपुर के ढील डेम पर 40, नागौर के रियाबड़ी में 29, पाली के सुमेरपुर में 23, जोधपुर के पीपाड़सिटी में 25, कोटा के पीपल्दा में 60 एमएम बरसात दर्ज हुई। मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया- बंगाल की खाड़ी में जो सिस्टम बना है, अब आगे बढ़ रहा है। इससे छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश होगी। इस सिस्टम के प्रभाव से राजस्थान में 21-22 जुलाई को बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने तथा कोटा , उदयपुर , जयपुर, अजमेर तथा भरतपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। गंगानगर में पारा 43 डिग्री, जयपुर, अजमेर संभाग में तेज उमस राजस्थान के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में बारिश जारी है, जबकि उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में कुछ जगह बारिश नहीं होने से गर्मी-उमस तेज है। जयपुर में शुक्रवार को दिनभर धूप और उमस रही। अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा, अलवर के एरिया में भी गर्मी और उमस से लोग परेशान रहे। गंगानगर में कल दिन का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सीकर के फतेहपुर में 41.2, चूरू में 41, बीकानेर में 40.9, फलोदी में 40.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ। ये भी पढ़ें- मानसून के बादल पानी नहीं, उमस बरसा रहे:अपनी जगह से खिसक गई ‘बारिश कराने वाली लाइन’, जानिए- इससे फायदा या नुकसान? राजस्थान के ज्यादातर जिलों में भी करीब एक सप्ताह से ऐसा ही हाल ही है। लगभग हर दिन उम्मीदों के बादल छाते हैं और थोड़ी ही देर में गायब हो जाते हैं। मानसून के सीजन में बारिश के बजाय उमस पसीने से भिगो रही है। (पूरी खबर पढ़ें)

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