राज्य सरकार ने जैसलमेर की 12 गोशाला के लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की है। इसकी जानकारी मंगलवार को विधानसभा में गोपालन और डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने दी। अप्रैल महीने में जैसलमेर आई पशुपालन विभाग जयपुर की टीम की जांच में जिले की 12 गोशाला फर्जी पाए जाने की रिपोर्ट पर इन गोशाला के लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की गई है। संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग जैसलमेर, डॉ सुरेन्द्र तंवर ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले की कुल 32 गोशाला अपात्र घोषित की गई है। जिनमें से 12 गोशाला के लाइसेंस रद्द किए गए हैं। ये सभी गोशाला फर्जी थी और इनमें जांच के दौरान गायों की संख्या नहीं मिली और ना ही चारा आदि की व्यवस्था दिखी। जिसको देखते हुए 32 गोशाला को अपात्र घोषित किया गया था। मौके पर ना तो गाय और ना ही मिला चारा
गौरतलब है कि 4 डॉक्टरों की राज्य स्तरीय जांच दल ने 12 गोशाला की विस्तृत जांच की। इस जांच में पाया गया कि ये गोशालाएं न केवल मानकों का पालन करने में विफल रहीं, बल्कि उनके प्रबंधन में भी कई गंभीर खामियां पाई गईं। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर मेहर गोशाला निम्बा (सम), देवीकोट गोशाला, देवीकोट, गुल रोशन संस्थान गोशाला, जैसुराणा, चानणे विकास एवं विकास संस्थान जेसुराणा, पीरू खान गोशाला विकास सस्थान जेसुराणा (हमीरा), जन्नत गोशाला जेसुराणा (हमीरा), हरियाला राजस्थान गोशाला विकास संस्थान जेसुराणा, सिकन्दर गोशाला, जैसुराना, स्व दीन मोहम्मद स्मृति एवं विकास संस्थान जेसुराणा, सूरशाह गोशाला जूना जैसलमेर, जैसान कादरी गोपाल गौसेवा संस्थान गौशाला भागु का गांव (जैसलमेर) और डूंगराराम गर्ग सेवा संस्थान गोशाला भाखराणी का पंजीयन निरस्त कर दिया गया हैं। गोशाला के नाम पर फर्जीवाड़ा
राज्य स्तरीय जांच के बाद जिला कलेक्टर के आदेश पर स्थानीय टीम ने 16 गोशाला की जांच की। इन गोशाला में भी न केवल पशुओं की देखरेख में लापरवाही बरती जा रही थी, बल्कि उनके स्वास्थ्य और पोषण की अवहेलना भी स्पष्ट रूप से देखी गई। गोशाला संचालकों द्वारा गौ सेवा के नाम पर जमकर धांधलियां की जा रही थी। इस कारण सबका मालिक एक संस्थान कोहरियों का गांव खुईयाला, श्री हरिओम गोसेवा समिति रेवन्तसिंह की ढाणी (जैसलमेर), मेहर डोवलेपमेंट सोसायटी एवं गौशाला मेहरों की ढाणी (जैसलमेर), एम. एम. गोशाला संस्थान मेहरों की ढाणी (कुण्डा), अब्दुल खां गौ सेवा समिति डाबला (जैसलमेर), रिवडी गौशाला रिवड़ी (फतेहगढ़), रताबाबा गौशाला लाखा (देवा), ख्वाजा गरीब नवाज गौशाला विकास संस्थान शेखों का तला, 14 एसकेडी (नाचना), राशदी गोशाला छत्रैल, अदरिम गिरोडी गोशाला दक्षिणी छत्रैल, ए के वेलफेयर सोसायटी गोशाला चौधरिया, अकबर गोशाला जावंध जूनी, भारत माता संस्थान गोशाला सोजियों की ढाणी (चांधन), श्री पनोधरराय गौ सेवा समिति ग्राम चांधन (जैसलमेर), अलादीन गोशाला विकास संस्थान झाबरा (चांधन) और शोभा फकीर सेवा सनिति गोशाला कुण्डा नामक गोशाला को अनुदान आदि के लिए अपात्र घोषित कर दिया गया हैं। 4 गोशाला आईबी रिपोर्ट पर अपात्र
इसी प्रकार गुप्तचर विभाग (आईबी) ने भी 4 गोशाला की जांच रिपोर्ट भेजी, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। इन अनियमितताओं में सरकारी धन का दुरुपयोग, पशुओं के नाम पर अनावश्यक खर्च और जाली दस्तावेजों का उपयोग शामिल है। आईबी की रिपोर्ट के आधार पर स्वर्ण नगरी गोशाला छतांगढ़ (जैसलमेर), रंगीला राजस्थान गोशाला संस्थान, छतांगढ (जैसलमेर), श्री चानणगढ गोशाला चानणगढ और सरवर गोशाला सेवा एवं विकास संस्थान डेढा नामक चार गोशाला को भी अपात्र घोषित किया गया हैं। इस खुलासे के बाद गोपालन विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 12 गोशाला का पंजीयन निरस्त कर दिया और 20 गोशाला को अपात्र घोषित किया। संयुक्त निदेशक व 6 कर्मचारी निलंबित
इस मामले में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद राज्य सरकार ने तत्कालीन संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग डॉ अशोक कुमार सुथार और 6 पशु धन सहायकों को मिलीभगत में शामिल होने के आरोप में सस्पेंड किया गया था। विभागीय जांच जारी है और गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि अब मुख्यमंत्री को अवगत करवाकर प्रदेश भर में इस तरह के फर्जीवाड़े करने वालों कि जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
