जैसलमेर में पुरानी छतरियों के निर्माण को लेकर पुलिस की मौजूदगी में दो गुटों में झड़प हो गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। एक पक्ष ने महिलाओं और बच्चों को आगे कर पत्थर फेंके। महिलाओं ने भी पुलिस पर पथराव किया। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पथराव में कॉन्स्टेबल समेत तीन लोग घायल हो गए। मामला बासनपीर गांव में गुरुवार सुबह 10 बजे का है। गांव में तालाब किनारे बनी छतरियों के निर्माण को लेकर कुछ लोग पहुंचे थे। इसी को लेकर विवाद शुरू हो गया था। पहले देखिए- विवाद से जुड़ी 5 फोटोज… कुछ दिनों से चल रहा था विवाद
गांव के तालाब में कई पौराणिक छतरियां थीं, लेकिन किसी वजह से इन्हें तोड़ दिया गया था। इसे लेकर एक पक्ष लंबे समय से इनके दोबारा निर्माण की मांग कर रहा था। प्रशासन की ओर से जब निर्माण की स्वीकृति मिली तो विरोध शुरू हुआ। गांव में जुंझार रामचंद्र सिंह सोढ़ा और जुंझार पालीवाल जी की छतरियों का पुनर्निर्माण चल रहा था। इसी दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और पत्थरबाजी शुरू कर दी। घटना में कई गाड़ियों को नुकसान भी पहुंचा है। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल बन गया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी बीच बचाव करने आए तो ग्रामीणों ने उन पर भी पथराव करना शुरू कर दिया। इधर, भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान 22 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं मौके पर एसडीएम, तहसीलदार मौके पर पहुंचे। घायल बोला- पुलिस और प्रशासन देखता रहा
घायल गणपत सिंह नोडियाला ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के वक्त प्रशासन मौके पर मौजूद था, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की और मूकदर्शक बने रहे। गणपत सिंह ने कहा कि दूसरे समुदाय के लोगों ने महिलाओं और बच्चों को आगे कर पत्थरबाजी करवाई और प्रशासन बस देखता रहा। जैसलमेर एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर भेजा गया और स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि पत्थरबाजी में शामिल उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। मामले की जांच जारी है, फिलहाल पुलिस गांव में शांति बनाए रखने के लिए लगातार गश्त कर रही है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। पत्थरबाजी के 6 घंटे बाद दोबारा छतरी निर्माण का काम शुरू हुआ है। मौके पर पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी, बीजेपी जिलाध्यक्ष दलपत हिंगड़ा समेत कई लोग मौजूद रहे। इ पहले भी हो चुका विवाद
दरअसल, साल 2019 में कुछ असामाजिक तत्वों ने बासनपीर गांव में रियासतकालीन वीर योद्धाओं की स्मृति में बनी छतरियों को ढहा दिया था। इसके बाद जब छतरियों के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हुआ तो फिर से विवाद और पथराव की घटनाएं हुईं, जिसमें कई लोग घायल हुए थे। गुरुवार को बासनपीर गांव में तालाब के पास कुछ लोग छतरियों का निर्माण कर रहे थे, जिसका गांव के लोगों ने विरोध किया। जैसलमेर विधायक ने पोस्ट की शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी की पोस्ट