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जोधपुर शहर में डॉग बाइट के कई मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेश में भी डॉग बाइट के बढ़ते मामले को लेकर अब सरकार एक्शन मोड में है। इधर, इसको लेकर जोधपुर नगर निगम दक्षिण की महापौर वनिता सेठ ने भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जोधपुर में स्ट्रीट डॉग की वजह से वह भी परेशान है। इसके लिए अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा- कई बार निगम स्ट्रीट डॉग को पकड़ता है लेकिन दो तीन NGO वाले आकर विरोध करते हैं। उनका कहना है कि सिर्फ काटने वाले डॉग को ही पकड़ा जाए लेकिन निगम कैसे चिह्नित कर सकता है कि कौन सा डॉग काटने वाला है और कौन सा नहीं। नगर निगम की ओर से कानूनी राय भी ली गई है। अब इसको लेकर जल्द एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। पिछले कुछ समय में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी है। इसको लेकर शहर के अलग-अलग संगठनों की ओर से भी निगम से स्ट्रीट डॉग को पकड़ने की मांग की गई है, जिस पर निगम कार्रवाई कर रहा है। 5 महीने पहले दो पर्यटकों पर किया हमला जोधपुर में विदेशी पर्यटकों पर डॉग के हमले के पूर्व में भी कई मामले सामने आ चुके हैं। पांच महीने पहले जोधपुर में डॉग ने 2 विदेशी युवतियों पर हमला कर दिया था, जिसमें एक युवती के पैर की पिंडली को चबा गए और दूसरी युवती के घुटने में काटा। स्थानीय लोगों ने युवतियों को डॉग से छुड़वाया और अस्पताल ले गए। जनवरी में दो पर्यटकों को काटा इससे पहले 28 जनवरी को नीदरलैंड से आई पर्यटक वेन लुइज को भी डॉग ने काटा था। इससे पहले 12 जनवरी को स्विटजरलैंड के पर्यटक माइकल भी डॉग के हमले का शिकार हुए थे। बता दें कि राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्ट्रीट डॉग को पकड़ने पर रोक लगा दी गई थी। कोर्ट का आदेश है कि यदि कोई डॉग बीमार है तो उसका इलाज करवाकर उसी इलाके में छोड़ दिया जाना चाहिए। इसको लेकर नगर निगम विधिक राय ले रहा है। वहीं गेस्ट हाउस एसोसिएशन के दीपक सोनी का कहना है कि स्ट्रीट डॉग की वजह से शहर आने वाले पर्यटकों के लिए मुश्किलें पैदा हो रही है। इसका असर शहर के टूरिज्म पर भी पड़ रहा है। इसलिए इनसे शहर को मुक्ति दिलानी चाहिए।

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