जोधपुर सीबीआई की टीम ने बुधवार को बैंक ऑफ बड़ोदा के मैनेजर विवेक कच्छवाहा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर उसके घर पर छापेमारी की है। इससे पहले गत 17 फरवरी को ही सीबीआई ने इसी बैंक मैनेजर को 15 हजार रुपए की घूस लेते गिरफ्तार किया था। आरोपी उस वक्त बापिणी तहसील के रायमलवाड़ा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा का मैनेजर रहते हुए ओसियां के थोब भाखरों की ढाणी निवासी ढलाराम मेघवाल पुत्र विशनाराम से रिश्वत ली थी। सीबीआई सूत्रों के अनुसार मूलतया मंडोर नागौरी बेरा इलाके में रहने वाले बैंक मैनेजर विवेक कच्छवाहा को सीबीआई ने ट्रेप किया था। उसके बाद उसके बैंक खातों और लॉकर इत्यादि की भी तलाशी ली गई थी। उनमें लॉकर से ही तकरीबन 70 तोला सोने के आभूषण भी बरामद हुए थे। इसके बाद आरोपी के खिलाफ सीबीआई की छानबीन जारी रही और सोमवार को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के साक्ष्य सामने आने पर एक नई एफआईआर दर्ज की गई। इसी क्रम में सीबीआई की टीम ने बुधवार को कच्छवाहा के नागौरी बेरा स्थित घर पर छापेमारी की। बताया जाता है कि यहां तलाशी में सीबीआई को बैंक मैनेजर द्वारा दईजर इलाके में बड़ी जमीन खरीदने से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं। लोन स्वीकृत करने के बदले ली थी घूस सीबीआई सूत्रों के अनुसार गत 15 फरवरी को किसान ढलाराम मेघवाल ने शिकायत दी थी। इसमें उसने बताया कि उसे खेतीबाड़ी के लिए 4 लाख रुपए की जरूरत थी। इस पर करीब डेढ़ महीने पहले वह अपने भाई खुशालाराम के साथ केसीसी लोन के लिए रायमलवाड़ा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा गया था। वहां मैंनेजर विवेक कच्छवाहा ने दोनों से लोन संबंधी कागजात ले लिए। 6 जनवरी 2025 को विशनाराम और उसका भाई खुशालाराम बैंक गए और मैनेजर से लोन के संबंध में बात की। विजिट के 2500 रुपए ले लिए शिकायत में बताया कि इसके अगले दिन (7 जनवरी) को मैनेजर विवेक ने विशनाराम के मोबाइल पर फोन किया और घर विजिट करने के लिए आने की बात कही। इसके बाद मैनेजर विशनाराम के घर पहुंचा और खेत देखने के बाद 2500 रुपए विजिट शुल्क के ले लिए। साथ ही कहा कि केसीसी लोन (किसान क्रेडिट कार्ड) तो कर दूंगा, लेकिन 5 प्रतिशत कमीशन के 20 हजार रुपए लूंगा। तब विशनाराम ने खुद की गरीबी का हवाला देते हुए काफी मिन्नतें की, लेकिन वो नहीं माने। इसके बाद 8 जनवरी को भी विशनाराम बैंक गया और 500 रुपए जमा करवाकर अकाउंट भी खुलवाया। 4 लाख पर 5% कमीशन मांगा शिकायत में बताया कि इसके कई दिनों बाद भी जब उसका केसीसी स्वीकृत नहीं हुआ। तब 13 फरवरी को वह अपने भाई के साथ दोपहर के समय बैंक पहुंचा। वहां शाखा प्रबंधक विवेक कच्छवाहा से मिलकर केसीसी लोन की बात कही। तब भी कच्छवाहा ने 5 प्रतिशत कमीशन देने का वादा करने को कहा। मजबूरी में परिवादी ने उसकी बात को मंजूर किया, तब कहीं जाकर कच्छवाहा ने फाइल पर हस्ताक्षर करवा कर एक-दो दिन में खाते में रुपए आने का भरोसा दिया। इसके बाद बैंक से बाहर आकर कच्छवाहा ने कहा कि मेरा हिसाब करो। तब भी परिवादी ने कहा कि अभी तो मेरे पास रुपए नहीं है। खाते में रुपए आएंगे, तब 20 हजार रुपए दे दूंगा। इसके बाद 15 फरवरी को फिर बैंक मैनेजर ने कॉल करके रुपए देने का दबाव बनाते हुए कहा कि 20 हजार रुपए देने की बात पक्की करो, तभी मैं तुम्हारे खाते में 4 लाख की लोन राशि डालूंगा। पकड़ा तो बिगड़ी थी मैनेजर की तबीयत सीबीआई सूत्रों के अनुसार, शिकायत का सत्यापन करने के दौरान भी रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर ट्रेप प्लान किया गया। इसके तहत सोमवार सुबह से ही सीबीआई की टीम ने रायमलवाड़ा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के आसपास डेरा डाल लिया। दोपहर करीब 2 के आसपास बैंक मैनेजर विवेक कच्छवाहा ने परिवादी से रिश्वत राशि के 15 हजार रुपए लिए, तो सीबीआई की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। इसी दौरान विवेक की तबीयत बिगड़ गई, तो टीम उसे सरकारी हॉस्पिटल ले गई और उपचार करवाकर वापस बैंक ले आई।

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