जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में 39 साल की एक महिला के पेट से ऐसा ट्यूमर निकाला गया, जो बेहद दुर्लभ है। इस बीमारी का नाम है ‘प्रिसैक्रल श्वान्नोमा’, जो 50 लाख लोगों में से किसी एक को ही होती है। महिला पिछले एक साल से परेशान थी। उसे पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहता था, पेट भारी-भारी लगता था और भूख भी कम लग रही थी। जब डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि पेट के पिछले हिस्से में एक बड़ी गांठ है। यह गांठ तकरीबन 7 सेंटीमीटर लंबी, 7 सेंटीमीटर चौड़ी और 4 सेंटीमीटर मोटी थी। डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी इतनी चालाक है कि कई सालों तक कोई लक्षण नहीं दिखाती और चुपचाप बढ़ती रहती है। एमडीएम अस्पताल की टीम ने इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। अब महिला पूरी तरह स्वस्थ है और अपने घर लौट चुकी है। पेट में था दुर्लभ ट्यूमर
एमडीएम अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने बताया कि 39 वर्षीय महिला के पेट में एक दुर्लभ ट्यूमर मिला। जांच में पता चला कि यह ‘प्रिसैक्रल श्वान्नोमा’ है, जो शरीर की नसों की बाहरी परत से विकसित होता है। यह बीमारी इतनी असामान्य है कि 50 लाख लोगों में किसी एक को ही देखने को मिलती है। खतरनाक था ट्यूमर का स्थान
डॉ. शर्मा के मुताबिक, 7x7x4 सेंटीमीटर का यह ट्यूमर बेहद नाजुक जगह पर था। यह पेट की मुख्य रक्त वाहिकाओं और पेशाब की नली से चिपका हुआ था। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन के दौरान रक्तस्राव, अंगों को नुकसान और यहां तक कि लकवे का भी खतरा था। विशेषज्ञों की टीम ने संभाला मोर्चा
जटिल ऑपरेशन के लिए डॉ. शर्मा के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ टीम बनाई गई। इसमें डॉ. पारंग आसेरी, डॉ. क्षेत्रपाल डाबी, डॉ. हेमंत कुमार और डॉ. कुणाल चितारा शामिल थे। एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. गीता सिंगारिया, डॉ. गायत्री तंवर और डॉ. मोनिका ने अपनी सेवाएं दीं। मिली नई जिंदगी
चार घंटे की मेहनत रंग लाई और ऑपरेशन सफल रहा। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य जीवन जी रही है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया कि एमडीएम अस्पताल में ऐसी जटिल सर्जरी नियमित रूप से की जाती हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बी.एस. जोधा ने पूरी टीम को बधाई दी।
जोधपुर में महिला के पेट में दुर्लभ ट्यूमर मिला:50 लाख में एक को होती है बीमारी; चार घंटे के ऑपरेशन के बाद निकाला
