जोधपुर के लघु उद्योग भारती भवन में समता आंदोलन का वार्षिक सम्मेलन शनिवार को हुआ। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष पाराशर नारायण शर्मा ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से उन्होंने तीन मांग की। जिसमें पदोन्नति में जातिगत आरक्षण को तत्काल बंद करने, ओबीसी का उप वर्गीकरण तत्काल करने और ओबीसी में ईडब्ल्यूएस के पांचो मानदंड भी लागू करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि आज के समय में पदोन्नति में जातिगत आरक्षण तत्काल बंद किया जाना चाहिए। जिससे लोग प्रशासन में जातिगत गुटबाजियां और जातिगत दुर्भावना के आधार पर किए जा रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगा सकें। इसके अलावा ओबीसी वर्ग में वास्तविक पिछड़ा और वंचितों को आरक्षण और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। शर्मा ने बताया कि हमारी सर्वोच्च न्यायालय में 1999 , 2009 और 2019 के वर्षों में दायर की गई तीन याचिकाएं लंबित है। इनका निस्तारण करते हुए न्यायालय की ओर से विधायिका में जातिगत आरक्षण को तत्काल बंद कर देना चाहिए। या इसे रोटेशन पर लागू करना चाहिए। जिससे ओबीसी और सामान्य वर्ग के राष्ट्रभक्त नागरिकों के मूल अधिकारों का 75 साल से हो रहे हनन को रोक सके। कानून को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि एट्रोसिटी एक्ट के अधीन दर्ज एफआईआर में भी गिरफ्तारी नहीं की जा सकती, क्योंकि इसमें 95% से अधिक केस 7 साल तक की सजा वाले हैं। जिनमें सुप्रीम कोर्ट ने अर्नेश कुमार के प्रकरण में गिरफ्तारी की स्पष्ट मनाही की है। सभा में विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों नेहिस्सा लिया। कार्यक्रम में मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा, पूर्व चीफ इंजीनियर एम एस चारण, सुधीर जैन, जालम सिंह पंवार, श्याम सिंह सजाड़ा, एचडी जोशी ने संबोधित किया। सम्मेलन में जयपुर से संभाग के अध्यक्ष ऋषिराज राठौड़, नगर अध्यक्ष राम प्रकाश सारस्वत, चिकित्सा सेवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ श्याम सुंदर और कोटा संभाग के सचिव कमल सिंह बडगूजर ने भी संबोधित किया। मंच संचालन जोधपुर संभाग अध्यक्ष इंजीनियर कैलाश सिंह राजपुरोहित ने किया।