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जोधपुर पुलिस रेंज की साइक्लोन टीम ने तीन ऑपरेशन कॉकटेल, पयोमुखं, सीतोर्मिला अभियान के तहत तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया- ऑपरेशन कॉकटेल में सुरेश पुत्र रूपाराम निवासी कुड़ी पचपदरा, ऑपरेशन सीतोर्मिला में लक्ष्मण राम पुत्र बाबूराम निवासी करीरों की ढाणी जैसला, फलोदी और ऑपरेशन प्रमुख में सुभाष पुत्र बचानाराम निवासी नोखड़ा भाटियां फलोदी को गिरफ्तार किया है। तस्कर को भोपाल से पकड़ा साइक्लोनर टीम एक सप्ताह से छत्तीसगढ़ में डेरा डाले हुई थी। सूचना मिली थी कि आरोपी सुरेश छत्तीसगढ़ में अपने रिश्तेदार के होटल में छुपकर फरारी काट रहा है। टीम हथियारों की खेप के साथ उसे गिरफ्तार करना चाहती थी। हथियारों के खेप लेने के लिए सुरेश छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश के रतलाम पहुंचा। इस दौरान टीम उसके पीछे लगी रही। उस वक्त पर हथियारों के आपूर्तिकर्ता के ठिकाने पर स्थानीय पुलिस की रेड पड़ने से सुरेश को हथियार नहीं मिल पाए और वह वापस लौटने लगा। रतलाम में अपनी कर से वापस लौटते समय सुरेश के पीछे टीम लग गई। भोपाल के पास हाईवे पर कार रोककर सुरेश उतरा तो उसे पकड़ लिया गया। सुरेश ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के घातक कॉकटेल का बड़ा सरगना था। उस पर अवैध हथियारों की तस्करी के चार मामले, ड्रग्स की तस्करी के आठ मामले सहित मारपीट सहित कल 14 मामले दर्ज हैं। किसान बनकर फरारी काट रहा था लक्ष्मण राम फलोदी जिले के भोजासर थाना क्षेत्र के जैसला गांव में भोला भाला गरीब किसान का स्वांग धरे मजे से फरारी काट रहा था। खेतों में पसीना बहाने वाला लक्ष्मण राम नशे की दुनिया का कुख्यात सरगना और इनामी तस्कर भी हो सकता है, यह किसी को भी विश्वास नहीं होता था। उसने अपने आप को बचाए रखने के लिए कभी भी मारवाड़ में नशे का धंधा नहीं चलाया। वह हमेशा बांसवाड़ा और गुजरात सीमा पर कारोबार चलता रहा। मुंबई के संपर्क में लगातार रहने से लक्ष्मण राम के पोल खुली तो साइक्लोनर टीम की नजर में आया । लक्ष्मण राम ने टीम को आते वक्त देखा तो अपने कमरे से लगे पाइप के सारे उतरता हुआ खुद कर भागने का प्रयास करने लगा लेकिन टीम ने उसे धर दबोचा। बारात में दूल्हे का ड्राइवर बना हुआ था बांसवाड़ा जिले में ड्रग्स की तस्करी के लिए कुख्यात बदमाश सुभाष मुंबई में गैस चूल्हे की मरम्मत का काम करते हुए लंबे समय से पुलिस की गिरफ्त की दूर में था। वह एक सामाजिक समारोह में भाग लेने चुपके से अपने गांव पहुंचा और बारात में दूल्हे का ड्राइवर बनाकर स्टीयरिंग पकड़े बैठा था। तब टीम ने उसे धर दबोचा। दरअसल, लक्ष्मण राम और सुभाष का मुंबई में संपर्क सूत्र के एक ही था। वह सूत्र सुभाष के गांव आने पर दोनों को मिलवाने की योजना बनवा रहा था लेकिन टीम ने दोनों को पहले ही पकड़ लिया।

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