अंबामाता थाना पुलिस ने कोर्ट में एलडीसी पद पर नौकरी लगाने के नाम पर एक व्यक्ति से 4.50 लाख रुपए ठगने के मामले में एक युवक दीपक माली को गिरफ्तार किया है। वह अब तक कोर्ट से जुड़े काम कराने और अन्य कामों की एवज में 5 लोगों से लाखों रुपए ठग चुका है। दीपक पहले जजों के यहां खाना बनाने का काम करता था। इस दौरान उसने जजों के जरिए होने वाले कामों और कार्यप्रणाली को समझ लिया था। फिर इसे ही ठगी का जरिया बना लिया। चौंकाने वाली बात यह है कि ठगी की इन्हीं हरकतों से परेशान दीपक की पत्नी उसे छोड़कर चली गई, लेकिन आरोपी ने अपनी हरकतें नहीं छोड़ी। आरोपी ने नौकरी लगाने के लिए फर्जी पहचान पत्र और फर्जी स्टाम्प भी बनवाए थे। पुलिस की जांच में सामने आया है कि ठगी हुई राशि को वह अपने मौज-शौक पूरे करने के काम में लेता था। आरोपी गिरफ्तार, रिमांड पर भेजा मामले में जांच करते हुए पुलिस ने दीपक माली को गिरफ्तार कर बुधवार को कोर्ट में पेश किया। यहां से दो दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। दीपक कोर्ट में एलडीसी की नौकरी लगाने का झांसा देने के अलावा जजों से पक्ष में फैसला करवाने, पुराने खनन पट्टों की लीज जारी कराने, बिना रुकावट पासपोर्ट बनवाने, निरस्त आर्म्स लाइसेंस को वापस जारी कराने और ग्रीन जोन से भूमि को निकलवाने के नाम पर झांसे दे चुका है। अब तक उसने इसी तरीके से पांच लोगों को ठगा है। रोज कोर्ट ले जाता, कैमरे के सामने खड़ा करता, कहता-साब ने हाजिरी लगा ली थानाधिकारी हनवंत सिंह ने बताया कि आरके सर्किल निवासी भगवत पुरी गोस्वामी ने 20 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि चित्रकूट नगर निवासी दीपक पुत्र तुलसीराम ने खुद को एडीजे-4 कोर्ट के जज का कुक और निजी काम करने वाला बताया। उसने कहा कि हाईकोर्ट तक उसकी सेटिंग है और कई लोगों को एलडीसी पद पर नौकरी लगवा चुका है। उन्हें भी नौकरी लगाने का आश्वासन दिया। वह उन्हें रोज कोर्ट में ले जाता और कैमरे के सामने खड़ा करता। फिर कहता कि जज साहब ने उनकी हाजिरी भर ली है। फिर नियुक्ति पत्र देने के लिए जज और हाईकोर्ट के नाम 4.50 लाख मांगे। उन्होंने पैसे दे दिए, लेकिन आरोपी ने नौकरी नहीं लगवाई।