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टीबी उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए झुंझुनूं जिले में एडल्ट वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की है। यह प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है, जिसके तहत टीबी के उच्च जोखिम वाले वयस्कों को टीका लगाया जा रहा है। इस अभियान का शुभारंभ झुंझुनूं के गांधी चौक स्थित अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से किया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर अजय आर्य और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और जनता से इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग देने की अपील की। टीबी उन्मूलन की दिशा में ऐतिहासिक कदम भारत सरकार वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसी क्रम में राजस्थान सरकार ने झुंझुनूं जिले को टीबी वैक्सीनेशन अभियान के लिए चुना है, ताकि टीबी के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत किया जा सके। यह अभियान उन वयस्कों के लिए है जो टीबी संक्रमण के अधिक जोखिम में हैं। इनमें पिछले पांच वर्षों में टीबी का इलाज ले चुके मरीज, टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले, धूम्रपान करने वाले, मधुमेह से पीड़ित और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। टीबी विन एप से हो रहा है पंजीकरण इस अभियान के तहत लोगों को आसानी से वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ‘टीबी विन’ एप के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है। झुंझुनूं जिले में अब तक 83,000 से अधिक लोगों ने इस एप के माध्यम से पंजीकरण करा लिया है और उन्हें निर्धारित समय पर टीका लगाया जा रहा है। कहां-कहां हो रहा है टीबी वैक्सीनेशन यह टीबी वैक्सीनेशन जिले के सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप जिला अस्पतालों और जिला अस्पताल में किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक स्तर पर टीमें गठित की हैं, जो जिले भर में वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाने में जुटी हैं। कौन-कौन हैं इस वैक्सीनेशन के पात्र टीबी वैक्सीनेशन अभियान के तहत कुछ विशेष श्रेणियों के लोगों को प्राथमिकता दी गई है। वे लोग जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में टीबी का इलाज करवाया है। टीबी मरीजों के परिवार के सदस्य या उनके करीबी संपर्क में रहने वाले लोग। धूम्रपान करने वाले और मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति। 60 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिक। इन लोगों को वैक्सीनेशन से किया गया बाहर हालांकि, कुछ श्रेणियों के लोगों को इस टीबी वैक्सीनेशन से बाहर रखा गया है। इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चे, पिछले तीन महीने में ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराने वाले मरीज, गर्भवती महिलाएं और धात्री माताएं शामिल हैं। सीएमएचओ की अपील – जनसहयोग से बनेगा टीबी मुक्त झुंझुनूं सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों, सामाजिक संगठनों और आम जनता से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह अभियान झुंझुनूं को टीबी मुक्त बनाने और देश को इस बीमारी से निजात दिलाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है। सरकार का लक्ष्य – 2025 तक टीबी मुक्त भारत भारत सरकार ने 2025 तक टीबी को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। झुंझुनूं में शुरू हुआ यह अभियान न केवल जिले के लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि प्रदेश और देश को टीबी मुक्त बनाने में भी योगदान देगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम इस अभियान को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके और झुंझुनूं एक स्वस्थ जिला बन सके।

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